इंदौर में फैमिली कोर्ट ने तलाकशुदा मां के हक में सुनाया फैसला

इंदौर, मध्य प्रदेश के इंदौर की एक फैमिली कोर्ट ने 10 वर्षीय बच्ची के माता-पिता के बीच तलाक होने के बाद उसकी देखभाल को लेकर आदेश सुनाया है। फैमिली कोर्ट ने बच्ची की देखभाल के लिए उसे उसकी मां को सौंपने का आदेश पारित किया है।

कोर्ट ने दिया आदेश

अदालत ने अपने आदेश में कहा कि युवावस्था की ओर बढ़ रही लड़की की भावनाओं को समझने के लिए उसका अपनी माता की कस्टडी में होना उसके सर्वोच्च हित में है। नाबालिग लड़की की 46 वर्षीय माता के वकील जितेंद्र पुरोहित ने अदालत के आदेश की कॉपी हासिल करने के बाद मंगलवार को इसकी जानकारी दी।

कोर्ट ने क्या कहा?

फैमिली कोर्ट की अतिरिक्त प्रधान न्यायाधीश प्रवीणा व्यास ने 25 अप्रैल को पारित आदेश में कहा कि बच्ची की उम्र 10 साल है और वह युवावस्था की ओर बढ़ रही है। ऐसी स्थिति में बच्ची के सर्वांगीण विकास और उसकी भावनाओं को समझने के लिए अपनी माता की कस्टडी में होना उसके सर्वोच्च हित में है।

पिता को लेकर जारी किया ये आदेश

कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि बच्ची का पिता उसकी माता की सहमति के आधार पर हर माह शनिवार और रविवार के साथ ही विशेष पर्व-त्योहारों और उसके विद्यालय के ग्रीष्मावकाश के दौरान उससे तय अवधि में मुलाकात कर सकेगा।

बच्ची के माता-पिता का हो चुका है तलाक

वकील जितेंद्र पुरोहित ने बताया कि बच्ची के माता और पिता, दोनों प्रदेश सरकार के राजपत्रित अधिकारी हैं और आपसी विवाद के चलते साथ 2021 में उनका तलाक हो चुका है। उन्होंने बताया कि दंपति के बीच अलगाव के बाद से बच्ची अपने पिता के साथ रह रही थी और उसकी मां ने अपनी बेटी की कस्टडी हासिल करने के लिए साल 2019 में फैमिली कोर्ट में याचिका दायर की थी।

मां ने कोर्ट से लगाई कस्टडी की गुहार

वकील पुरोहित ने बताया कि अपनी याचिका में महिला अधिकारी ने कहा था कि उसकी नाबालिग बेटी उम्र के नाजुक पड़ाव पर है और उसे माता के रूप में ऐसी महिला साथी की जरूरत है, जिसके जरिये वह अपने मन की जिज्ञासाओं को शांत कर सके और शारीरिक बदलावों से भयभीत न होकर सही मार्गदर्शन प्राप्त कर सके।

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