मानवता के खिलाफ अघोषित आतंकवाद का एजेंडा है लव जिहाद: योगी आदित्यनाथ

  • मुख्यमंत्री योगी ने मंत्रिपरिषद सदस्यों के साथ देखी बहुप्रशंसित फ़िल्म ‘द केरल स्टोरी’
  • लव जिहाद जैसे षड्यंत्र के खिलाफ उत्तर प्रदेश सरकार ने बनाया है खास कानून: मुख्यमंत्री
  • फ़िल्म ‘द केरल स्टोरी’ के विषय और प्रस्तुतिकरण को मुख्यमंत्री ने सराहा, पूरी टीम को दी बधाई
  • समाज और राष्ट्र के खिलाफ हर चुनौती के लिए यूपी सरकार की है जीरो टॉलरेंस की नीति: मुख्यमंत्री
  • धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अधिनियम के तहत दर्ज हुए 433 अभियोग, अब तक 855 गिरफ्तार, 66 मामले नाबालिगों से संबंधित

लखनऊ, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘लव जिहाद’ को मानवता के खिलाफ अघोषित आतंकवाद का एजेंडा कहा है। शुक्रवार को मंत्रिपरिषद सदस्यों के साथ बहुप्रशंसित फ़िल्म ‘द केरल स्टोरी’ देखने के बाद मुख्यमंत्री ने कहा कि यह फ़िल्म ‘लव जिहाद जैसे षड्यंत्र के प्रति पूरे देश का ध्यान आकर्षित करती है। पूरे समाज को इस विकृति के बारे में जागरूक होना होगा।

लोकभवन में फ़िल्म की स्पेशल स्क्रीनिंग होने के बाद उन्होंने फिल्म के विषय और प्रस्तुतिकरण की सराहना करते हुए फ़िल्म के निर्माता, निर्देशक सहित पूरी टीम के प्रयासों को साहसिक बताते हुए सराहना की है। उन्होने यह भी कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार हर उस विकृति के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति पर चलती है जो सामाजिक एकता में बाधा हो, राष्ट्रीय एकता को चुनौती देती हो तथा मानवता के लिए खतरा उत्पन्न करती हो। इसीलिए हमारी सरकार ने लव जिहाद जैसी विकृति के खिलाफ 27 नवम्बर 2020 को ही उत्तर प्रदेश विरुद्ध धर्म सम्परिवर्तन प्रतिषेध अधिनियम को पहले अध्यादेश और फिर विधिवत कानून बनाकर इसे प्रदेश में प्रभावी ढंग से लागू किया है।

अब तक दर्ज हुए 433 मामले, 855 हुए गिरफ्तार

आधिकारिक रिकॉर्ड के अनुसार नवम्बर 2020 में उत्तर प्रदेश विरुद्ध धर्म सम्परिवर्तन प्रतिषेध अधिनियम लागू होने के बाद से अब तक इस कानून के अन्तर्गत प्रदेश में अब तक कुल 433 अभियोग पंजीकृत हो चुके हैं। उक्त अभियोगों में नामजद कुल 1229 अभियुक्त तथा विवेचना के दौरान प्रकाश में आए कुल 242 अभियुक्तों को मिलाकर 1471 आरोपियों पर कार्यवाही की है, जिसमें 855 गिरफ्तारियां हुईं हैं। अद्यतन स्थिति के मुताबिक 339 में आरोप पत्र न्यायालय में प्रेषित किए जा चुके हैं तथा 184 पीड़िताओं द्वारा 164 दंड प्रक्रिया संहिता के अन्तर्गत मा. न्यायालय के समक्ष अपने अभिकथन की पुष्टि की गई है। इनमें 66 अभियोग नाबालिगों से संबंधित है।

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