शनिवार को इन मंत्रों और आरती से शनिदेव को करें प्रसन्न
शनि देव को न्याय का देवता बोला जाता है। वे सभी के अच्छे एवं बुरे कर्मों का लेखाजोखा रखते हैं। इस दिन श्रद्धालु शनिदेव को खुश करने के लिए विधि- विधान से पूजा करते हैं। परम्परा है कि शनि देव यदि किसी से खुश हो जाएं तो उसकी सभी इच्छाएं पूरी करते हैं। रंक को राजा बना देते है। शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए कई ज्योतिष उपाय हैं, मगर आप अपनी राशि के अनुसार शनि मंत्र का जाप करते हैं तथा उसके बाद तिल के तेल या सरसों के तेल से उनकी आरती करते हैं तो आपका कल्याण हो सकता है.
राशि अनुसार प्रभावी शनि मंत्र:-
मेष: ॐ शान्ताय नम:
वृष: ॐ वरेण्णाय नम:
मिथुन: ॐ मन्दाय नम:
कर्क: ॐ सुंदराय नम:
सिहं: ॐ सूर्यपुत्राय नम:
कन्या: ॐ महनीयगुणात्मने नम:
तुला: ॐ छायापुत्राय नम:
वृश्चिक: ॐ नीलवर्णाय नम:
धनु: ॐ घनसारविलेपाय नम:
मकर: ॐ शर्वाय नम:
कुंभ: ॐ महेशाय नम:
मीन: ॐ सुन्दराय नम:
शनि देव की विधिपूर्वक पूजा करने के बाद अपनी राशि के मंत्र का जाप कर सकते हैं. शनि मंत्र का कम से कम 1 माला का जाप करना चाहिए. मंत्र जाप के समय मन को शांत रखना चाहिए तथा मंत्र का शुद्ध उच्चारण करना चाहिए.
शनिदेव की आरती:-
जय जय श्री शनिदेव भक्तन हितकारी।
सूर्य पुत्र प्रभु छाया महतारी॥ जय जय श्री शनि…
श्याम अंग वक्र-दृष्टि चतुर्भुजा धारी।
नीलाम्बर धार नाथ गज की असवारी॥ जय जय श्री शनि…
क्रीट मुकुट शीश राजित दिपत है लिलारी।
मुक्तन की माला गले शोभित बलिहारी॥ जय जय श्री शनि…
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मोदक मिष्ठान पान चढ़त है सुपारी।
लोहा तिल तेल उड़द महिषी अति प्यारी॥ जय जय श्री शनि…
देव दनुज ऋषि मुनि सुमिरत नर नारी।
विश्वनाथ धरत ध्यान शरण हैं तुम्हारी॥ जय जय श्री शनि…
जय जय श्री शनि देव भक्तन हितकारी।
शनि देव की जय…शनि देव की जय…शनि देव की जय!