आखिर क्यों शादी के बाद लड़कियों को छोड़ना पड़ता है अपने घर, जानिए कारण…

आखिर क्यों ?? यह सवाल हम सभी एक मन में घर कर जाता है। हम सभी सी बात का जवाब जानना चाहते है की आखिर ऐसा क्यों होता है। एक बेटी को ही अपने बाबुल का घर क्यों छोड़कर जाना पड़ता है। आखिर क्यों एक लड़की ही अपने पिता का घर छोड़कर अपने पति एक घर जाती है? क्यों एक पति लड़की के घर रह सकता ? क्यों लड़की को ही घरवाले लड़के के घर भेजते है?

बहुत मुश्किल होता है लड़की के लिए उस घर को छोड़कर जाना – जहाँ उसका बचपन बिता हो जहाँ वो पली-बढ़ी हो, जहाँ पर उसके माता पिता रहते हो, जहाँ पर उसने मस्ती की हो, जहाँ से उसने शब्दों को संभालना सीखा हो, जहाँ पर पहली बार उसने खाना बनाना सीखा हो, जहाँ पर उसे रट हुए कोई देख ना सकता हो, जहाँ पर वो अपने हक़ के लिए लड़ना सीखी हो, जहाँ पर उसे आत्मनिर्भर बनाया गया हो, जहाँ पर उसे बोलना सिखाया गया हो, जहाँ पर उसे संभालने के लिए उसकी माँ हमेशा खड़ी रहती हो, जहाँ पर हर पल उसके पापा उसे प्यार करते हो, जहाँ उसने पाने जन्म से अब तक के सारे दिन, साल, महीने बिताए हो।

यह क्यों होता है – आखिर क्यों होता है, क्यों जाती है एक लड़की अपने घर को छोड़कर पराए घर। इसके पीछे कई कारन है। कुछ सामाजिक, कुछ मनु संहिता के तर्क, कुछ वैदिक, कुछ धार्मिक। आज हम आपको सभी कारणों से रूबरू करवाने जा रहें है।

1. सामाजिक कारण – समाज में जब किसी की शादी होती है तो दुल्हन की विदाई एक रस्म मानी जाती है जिससे की लड़की को लड़के के घर जाना अनिवार्य होता है। क्योंकि इसी के बाद लड़के का घर एक परिवार के रूप में विकसित होता है और लड़की को उस परिवार की पूरी बागडोर सँभालनी होती है। लड़की ही उस परिवार के वंश को आगे बढ़ाती है और पुरे परिवार को साथ लेकर चलती है। यहीं सामाजिक कारण है की एक लड़की को विदाई की रस्म निभानी ही पड़ती है।

2. धार्मिक कारण – धार्मिक कारण के अनुसार हिन्दू धर्म में कई तरह के संस्कार बनाए गए है। जिनमे एक संस्कार यह भी है की एक लड़की के जन्म के बाद उसके पालन पोषण की जिम्मेदारी उसके पिता की होती है लेकिन जैसे ही वह युवा होती है और शादी के बंधन में बंध जाती है तब से उसकी जिम्मेदारी उसके पति की हो जाती है। और उसका पालन पोषण भी उसके पति को ही करना होता है। इस धार्मिक कारण की वजह से एक लड़की को अपने बाबुल का घर छोड़कर जाना पड़ता है।

3. वैदिक कारण – वैदिक कारण के अनुसार शादी में कन्यादान की एक रस्म लड़की के माता पिता द्वारा निभाई जाती है जिसमे पिता अपनी बेटी को दूल्हे के सौंपता है इसका तात्पर्य है की अब पिता की जिम्मेदारियां खत्म हो चुकी है और दूल्हे की जिम्मेदारियां शुरू। और अगर पति शादी के बाद अपनी पत्नी को उसके पिता के घर छोड़ आता है तो यह वैदिक धर्म के अनुसार पाप माना जाता है।

4. मनु संहिता के तर्क – मनु संहिता के अनुसार एक पत्नी अपने पति की जिम्मेदारी होती है, और एक पति को अपनी पत्नी की हर जरूरत को पूरा करना चाहिए। मनु संहिता ग्रंथ के अनुसार पत्नी को पति के घर में ही रहना पड़ता है और सारी ज़िंदगी अपने पति का साथ निभाना पड़ता है।

5. एक तर्क यह भी दिया जाता है की लड़की को देवी का रूप माना जाता है और जब तक वह पिता के घर में रहती है तब तक वहां पर लक्ष्मी का वास होता है। लेकिन जब उसकी शादी हो जाती है तब वह पति के घर की देवी बन जाती है और उसे पति के साथ उसी के घर में रहना होता है। और समाज के अनुसार जब एक लड़की के नाम के पीछे उसके पति का नाम लग जाता यही तो उसे अपने घर को छोड़कर अपने पति के घर चले जाना चाहिए।

Back to top button

Adblock Detected

Please consider supporting us by disabling your ad blocker