BMC में वार्डों की संख्या में नहीं होगा कोई बदलाव, बॉम्बे HC ने दो याचिकाओं को किया रद्द

मुंबई, बॉम्बे हाई कोर्ट ने बृहन्मुंबई नगर निगम (BMC) वार्ड परिसीमन को पलटने के महाराष्ट्र सरकार के फैसले के खिलाफ दो याचिकाओं को सोमवार को खारिज कर दिया है। जस्टिस एस बी शुकरे और जस्टिस एम डब्ल्यू चंदवानी की खंडपीठ ने कहा कि याचिकाओं में कोई दम नहीं है और इसलिए, इसे खारिज किया जाता हैं।

बता दें कि एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र सरकार द्वारा जारी अध्यादेश को चुनौती दी गई थी, जिसमें बीएमसी की सीमा के भीतर सीधे निर्वाचित पार्षदों की संख्या 236 से घटाकर 227 कर दी गई थी।

उद्धव ठाकरे की सरकार ने संख्या बढ़ाने का किया था फैसला

गौरतलब है कि नवंबर 2021 में, उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महा विकास अघाड़ी (एमवीए) सरकार ने वार्डों की संख्या 227 से बढ़ाकर 236 करने का फैसला किया था। एमवीए सरकार इस साल जून में गिर गई थी। बाद में शिवसेना विधायक एकनाथ शिंदे ने भारतीय जनता पार्टी के समर्थन से सरकार बनाई थी। शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना-भाजपा सरकार ने अगस्त में एक अध्यादेश जारी कर संख्या को 227 को वापस कर दिया।

बीएमसी के पूर्व पार्षदों ने दी शिंदे के फैसले को चुनौती

बीएमसी के पूर्व पार्षदों राजू पेडनेकर और समीर देसाई ने अपनी याचिकाओं में शिंदे सरकार के फैसले को चुनौती दी और दावा किया कि इस संख्या को वापस 236 किया जाए। याचिकाकर्ताओं ने दावा किया कि 236 से 227 तक के परिसीमन को उलटना मनमाना था और इससे निकाय चुनावों में देरी हो सकती है।

शिंदे सरकार ने लगाया आरोप

राज्य सरकार ने इन याचिकाओं का विरोध करते हुए आरोप लगाया कि उन्हें ‘गुप्त उद्देश्यों’ के साथ दायर किया गया था और उन्हें अनुकरणीय लागत के साथ खारिज कर दिया जाना चाहिए। सरकार ने आगे कहा कि उन्हें लगा कि वार्डों की संख्या बढ़ाने की जरूरत नहीं है, क्योंकि जनसंख्या वृद्धि बहुत कम थी।

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