UK के विदेश सचिव का बयान, भारतीय उच्चायोग पर हमला स्वीकार्य नहीं…

वॉशिंगटन, भारत में वारिस पंजाब दे संगठन के जत्थेदार और खालिस्तानी अमृतपाल सिंह के खिलाफ कार्रवाई चल रही है। इस कार्रवाई से खालिस्तान समर्थक तमतमाए हुए हैं। ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका, कनाडा समेत कई देशों में खालिस्तानी समर्थकों ने भारतीय दूतावासों पर हमला किया। 

ब्रिटेन के विदेश सचिव जेम्स क्लेवरली ने भारतीय उच्चायोग पर हुए हमले का जवाब दिया। उन्होंने गुरुवार को एक बयान में खालिस्तानी तत्वों के हमले को “अस्वीकार्य” बताया।

भारत सरकार के साथ हैं संपर्क में- जेम्स 

उन्होंने कहा कि लंदन में भारतीय उच्चायोग में कर्मचारियों के प्रति हिंसा अस्वीकार्य है और मैंने उच्चायुक्त विक्रम दोरईस्वामी को स्थिति के बारे में जानकारी दे दी है। पुलिस की जांच जारी है और हम लंदन में भारतीय उच्चायोग और दिल्ली में भारत सरकार के साथ संपर्क में हैं।

यूके के विदेश सचिव जेम्स क्लेवरली ने आगे कहा कि हम भारतीय उच्चायोग में सुरक्षा की समीक्षा करने के लिए मेट्रोपॉलिटन पुलिस के साथ काम कर रहे हैं और इसके कर्मचारियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक बदलाव करेंगे जैसा कि हमने आज के प्रदर्शन के लिए किया था। हम हमेशा यूके में उच्चायोग और सभी विदेशी मिशनों की सुरक्षा को बेहद गंभीरता से लेंगे और इस तरह की घटनाओं को रोकेंगे और मजबूती से जवाब देंगे।

यूके-भारत संबंध हैं मजबूत

यूके के विदेश सचिव ने कहा कि हमारे दोनों देशों के बीच गहरे व्यक्तिगत संबंधों से संचालित यूके-भारत संबंध फल-फूल रहा है। हमारा संयुक्त 2030 रोडमैप हमारे संबंधों को निर्देशित करता है और दिखाता है कि जब हम एक साथ काम करते हैं, दोनों देशों के लिए नए बाजार और नौकरियां बनाते हैं और साझा चुनौतियों से निपटने में मदद करते हैं तो हम क्या हासिल कर सकते हैं। हम भविष्य के लिए ब्रिटेन और भारत के बीच गहरे संबंध बनाना चाहते हैं।

ब्रिटेन के विदेश सचिव द्वारा जारी बयान में आगे कहा गया है कि हम हमेशा उच्चायोग और ब्रिटेन में सभी विदेशी मिशनों की सुरक्षा को बेहद गंभीरता से लेंगे और इस तरह की घटनाओं को रोकेंगे और मजबूती से जवाब देंगे।

यूके-भारत संबंधों पर प्रकाश डालते हुए, उन्होंने आगे कहा कि दोनों देशों के संबंध “गहरे व्यक्तिगत संबंधों” से संचालित हैं और फल-फूल रहे हैं।

यूके-भारत के बीच बनाने हैं और गहरे संबंध 

बयान में आगे कहा गया कि हमारा संयुक्त 2030 रोडमैप हमारे संबंधों को निर्देशित करता है और दिखाता है कि जब हम एक साथ काम करते हैं तो हम क्या हासिल कर सकते हैं, दोनों देशों के लिए नए बाजार और नौकरियां पैदा कर सकते हैं और साझा चुनौतियों से निपटने में मदद कर सकते हैं। हम भविष्य के लिए यूके और भारत के बीच गहरे संबंध बनाना चाहते हैं।

विदेश मंत्रालय ने इससे पहले एक आधिकारिक प्रेस नोट में कहा था कि भारतीय उच्चायोग में तोड़फोड़ के बाद नई दिल्ली में ब्रिटेन के सबसे वरिष्ठ राजनयिक को रविवार रात तलब किया गया था।

ब्रिटिश सुरक्षा की पूर्ण अनुपस्थिति के बारे में एक स्पष्टीकरण मांगा गया था जिसने खालिस्तान समर्थक तत्वों को उच्चायोग परिसर में प्रवेश करने की अनुमति दी थी। राजनयिक को इस संबंध में वियना कन्वेंशन के तहत यूके सरकार के बुनियादी दायित्वों की याद दिलाई गई थी।

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