मेहुल चोकसी के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस हटने के बाद भगोड़े कारोबारी के प्रवक्ता ने किया ये बड़ा दावा

हजारों करोड़ रुपये के पीएनबी घोटाले के आरोपी मेहुल चोकसी को इंटरपोल ने बड़ी राहत देते हुए उसका नाम रेड कॉर्नर नोटिस से हटा दिया. बताया जा राह है कि फ्रांस के लियोन शहर स्थित इंटरपोल के मुख्यालय में चोकसी द्वारा दायर याचिका के आधार पर यह कदम उठाया गया है.

चोकसी के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस हटाने के बाद, उसके प्रवक्ता ने कहा कि भारत सरकार ने एंटीगुआ से मेहुल चोकसी का अपहरण कराया और प्रताड़ित कराया. प्रवक्ता ने टिप्पणी की, ‘एंटीगुआन पुलिस की रिपोर्ट, और एंटीगुआ में चल रही उच्च न्यायालय की कार्यवाही में चोकसी द्वारा पेश किए गए सबूत, भारत सरकार द्वारा अपहरण, यातना और प्रस्तुत करने के प्रयास के एक खतरनाक मामले की ओर इशारा करते हैं.’

प्रवक्ता ने कहा, ‘रेड कॉर्नर नोटिस को हटाने का इंटरपोल का फैसला इन चिंताओं को मजबूत करता है. इसके अलावा, एंटीगुआ में उच्च न्यायालय के प्रारंभिक फैसले से पता चलता है कि एक पूर्ण जांच के लिए जवाब देने का मामला है. बदले में, चोकसी ने कहा है कि एंटीगुआ से सुनियोजित अपहरण, चोकसी की यातना और अंतरराष्ट्रीय कानून के उल्लंघन में उसे भारत को सौंपने के प्रयास के पीछे भारत सरकार है.’

कांग्रेस ने केंद्र पर साधा निशाना

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी नए घटनाक्रम पर केंद्र पर हमला किया और एक ट्वीट में कहा, ‘ईडी-सीबीआई विपक्षी नेताओं के लिए, लेकिन मोदीजी मेहुलभाई को इंटरपोल से राहत मिल गई और अपने करीबी दोस्त के लिए वह संसद नहीं चलने दे रहे हैं, इसलिए पुराने दोस्तों के लिए वह मदद से इनकार कर सकते हैं.’

दिसंबर 2018 में, पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) के 11,356.84 करोड़ रुपये के ऋण धोखाधड़ी मामले का सामना कर रहे चोकसी को रेड कॉर्नर नोटिस सूची में जोड़ा गया था.

भारत सरकार की आपत्ति को किया गया अनसुना

भारत सरकार के संबंधित अधिकारियों ने इंटरपोल के कदम पर आपत्ति जताई, लेकिन जिस निकाय ने यह निर्णय लिया, वह टस से मस नहीं हुआ.  यह केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के लिए एक बड़ा झटका है, जो उसके निर्वासन की प्रतीक्षा कर रहे थे. हालांकि, उनके मामले की जांच कर रहे अधिकारी ने कहा कि इससे चोकसी के एंटीगुआ से प्रत्यर्पण पर ज्यादा असर नहीं पड़ेगा.

चोकसी इस समय एंटीगुआ में है. भारतीय अधिकारियों ने एंटीगुआ के अधिकारियों से उसे प्रत्यर्पित करने के लिए कहा है ताकि उस पर मुकदमा चलाया जा सके.

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