राज्य आंदोलनकारियों को सरकारी नौकरियों में 10% का मिला आरक्षण, जानिए अन्य फैसले

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की कैबिनेट ने उत्तराखंड राज्य निर्माण आंदोलनकारियों व उनके आश्रितों को सरकारी नौकरियों में 10 फीसदी क्षैतिज आरक्षण देने पर मुहर लगा दी। आंदोलनकारियों को लेकर कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल की अध्यक्षता में गठित सब कमेटी की सिफारिशों को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी।

आरक्षण का विधेयक दोबारा राजभवन भेजा जाएगा। राजभवन की मुहर के बाद आंदोलनकारियों को एक बार फिर से आरक्षण मिलने लगेगा। मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में सोमवार दोपहर हुई कैबिनेट बैठक में कई अहम फैसले लिए गए। 20 दिसंबर, 22 को हुई कैबिनेट बैठक में धामी सरकार ने आंदोलनकारियों को क्षैतिज आरक्षण बहाल करने के लिए सब कमेटी का गठन किया था।

कमेटी में कैबिनेट मंत्री चंदन राम दास व सौरभ बहुगुणा सदस्य के रूप में शामिल थे। सूत्रों ने बताया कि सब कमेटी ने आरक्षण बहाल करने की सिफारिश की थी, जिसे कैबिनेट ने विधेयक के रूप में मंजूरी दे दी है। 

मुख्यमंत्री की नाराजगी का असर दिखा : राज्य आंदोलनकारी आरक्षण के मामले में सीएम पुष्कर सिंह धामी की नाराजगी रंग लाई। दो मार्च को हुई कैबिनेट बैठक में उपसमिति की रिपोर्ट न लाए जाने पर सीएम ने अधिकारियों से कड़ी नाराजगी जताई थी। सीएम ने कार्मिक विभाग को अगली कैबिनेट बैठक में इस प्रस्ताव को अनिवार्य रूप से प्रस्तुत करने के निर्देश दिए थे।

हाईकोर्ट ने आरक्षण का जीओ कर दिया था खारिज

हाईकोर्ट ने पांच साल पहले आंदोलनकारियों को नौकरियों में दिए जा रहे 10 फीसदी क्षैतिज आरक्षण के जीओ और सरकुलर को खारिज कर दिया था। अब धामी सरकार ने इस बहाल करने के लिए विधेयक को मंजूरी दे दी है। मुख्यमंत्री ने राजभवन में लंबित आरक्षण विधेयक को सितंबर, 22 में संशोधन के लिए वापस मंगा लिया था।

विधि और न्याय विभाग से परामर्श लेने के बाद सरकार ने इसके परीक्षण के लिए कैबिनेट की सब कमेटी का गठन किया था। कमेटी की सिफारिश के बाद अब फिर धामी सरकार ने संशोधित विधेयक को मंजूरी दे दी है।

उत्तराखंड में किसको कितना आरक्षण  (प्रतिशत में) 
लंबवत आरक्षण 

वर्ग               आरक्षण 
एससी            19 
ओबीसी         14 
जनजाति        04 
गरीब सवर्ण    10

क्षैतिज आरक्षण 

वर्ग                         आरक्षण 
स्थानीय महिलाएं        30 
राज्य आंदोलनकारी    10
पूर्व सैनिक आश्रित      02
अनाथ बच्चे               05 
दिव्यांग                    04 

कैबिनेट के मुख्य फैसले


-विधायक निधि 3.75 करोड़ रुपये से बढ़ाकर पांच करोड़ रुपये।
-हर जिले में भूमि अर्जन, पुनर्वासन, पुनव्यर्वस्थापन प्राधिकरण का गठन होगा।
-सब रजिस्ट्रार विहीन जिलों में तहसीलदार कराएंगे जमीनों की रजिस्ट्री।
-एटीएस में राज्य नगरीय विकास संस्थान की स्थापना।
-सातवीं वाहिनी आईटीबीपी को पिथौरागढ़ में 8.96 हेक्टेयर जमीन मिलेगी।
-नेशनल ट्रांजिट पास सिस्टम में संशोधन, राज्य निकासी वाली लकड़ी पर लेगी पहचान मुहर।
-खनन नीति के पूर्व में संशोधन पारित प्रस्ताव पर लगाई मुहर।

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