INS विक्रांत पर पहली बार कमांडरों का होगा द्विवार्षिक सम्मेलन, रक्षा मंत्री करेंगे संबोधित
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और भारतीय नौसेना के शीर्ष कमांडर सोमवार को स्वदेशी विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत पर आयोजित एक प्रमुख सम्मेलन में भारत की समुद्री सुरक्षा चुनौतियों की व्यापक समीक्षा करेंगे। पहली बार कमांडरों का यह द्विवार्षिक सम्मेलन एक विमानवाहक पोत पर हो रहा है। इसे हिंद महासागर क्षेत्र में चीन की बढ़ती उपस्थिति के बीच समुद्री क्षेत्र में भारत की प्राथमिकता के प्रतीक के रूप में देखा जा रहा है।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह करेंगे संबोधित
दरअसल, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह 40,000 टन जहाज पर शीर्ष नौसेना कमांडरों को संबोधित करेंगे, जिसे पिछले सितंबर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा नौसेना में कमीशन किया गया था। लगभग 23,000 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित INS विक्रांत के पास एक परिष्कृत वायु रक्षा नेटवर्क और एंटी-शिप मिसाइल प्रणाली है और इसमें 30 लड़ाकू जेट और हेलीकॉप्टर रखने की क्षमता है।
पीएम मोदी ने कहा था- ‘फ्लोटिंग सिटी’
पोत के कमीशनिंग समारोह में प्रधानमंत्री मोदी ने इसे फ्लोटिंग सिटी कहा था। उन्होंने कहा था कि यह भारत के रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने का प्रतिबिंब है। नौसेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि क्षेत्र में मौजूदा भू-रणनीतिक स्थिति के मद्देनजर सम्मेलन का अपना महत्व होगा। राजनाथ सिंह सम्मेलन के पहले चरण के तहत स्वदेशी विमानवाहक पोत पर सवार नौसेना कमांडरों को संबोधित करेंगे।
समुद्र में आयोजित किया जा रहा सम्मेलन का पहला चरण
नौसेना ने कहा इस साल के सम्मेलन की नवीनता इस तथ्य में निहित है कि कमांडरों के सम्मेलन का पहला चरण समुद्र में आयोजित किया जा रहा है और पहली बार भारत के पहले स्वदेशी विमानवाहक आईएनएस विक्रांत पर होगा। चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान, आर्मी चीफ जनरल मनोज पांडे और एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी भी नौसेना के कमांडरों के साथ बातचीत करेंगे, ताकि तीनों सेवाओं के सामान्य परिचालन वातावरण के अभिसरण को संबोधित किया जा सके।