पाकिस्तान में अहमदिया मुस्लिम समुदाय भी नहीं सुरक्षित, 75 साल के डॉक्टर की गोली मारकर की हत्या

पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के गुजरात जिले के गोत्रियाला में 19 फरवरी को 75 वर्षीय अहमदी डॉक्टर रशीद अहमद की गोली मारकर हत्या कर दी गई। बिटर विंटर मैगजीन की एक रिपोर्ट के मुताबिक, डॉक्टर को ये गोली उस वक्त लगी जब वह अपने क्लिनिक में मरीजों की जांच कर रहे थे।

धर्म के कारण की डॉक्टर की हत्या

इस खबर को एक गैर-लाभकारी और गैर-सरकारी संगठन अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार समिति (IHRC) ने प्रसारित किया है। बताया जा रहा है कि ‘डॉ. राशिद जाट क्लिनिक’ में अहमद पर कई गोलियां बरसाई गई। सबसे गरीब ग्रामीणों की सेवा के लिए अहमद ने एक होम्योपैथी क्लिनिक खोला था। डॉ रशीद का परिवार नॉर्वे में बसा हुआ है, जबकि वह देश की सेवा के लिए पाकिस्तान में रह रहे थे। बिटर विंटर के मुताबिक, पाकिस्तान में एक विदेशी नागरिक और उनके धर्म के कारण डॉक्टर की हत्या की गई।

नॉर्वे से वापस पाकिस्तान लौटे थे डॉक्टर

IHRC के महासचिव नसीम मलिक, जो स्वीडन में रहते हैं, ने बिटर विंटर को बताया, ‘डॉ अहमद का दिल मानवता से भरा था। वह नॉर्वे में एक सेवानिवृत्त डॉक्टर थे, जो अपने जीवन को जोखिम में डालकर अपने गाँव, गोत्रियाला के निवासियों की सेवा करने के लिए अपने मूल पाकिस्तान वापस लौट आए थे।

पाकिस्तान में लिंचिंग सहित धर्म आधारित घृणा अपराध हमेशा होते रहते हैं। हाल ही में, पाकिस्तान में अहमदिया मुसलमानों के खिलाफ नफरत की एक और घटना हुई थी, जिसमें अज्ञात हमलावरों ने कराची में उनके मस्जिदों  को अपवित्र कर दिया था। इसका एक वीडियो भी ट्विटर पर काफी वायरल हो रहा था जिसमें हमलावर मस्जिदों को तोड़ते हुए नजर आ रहे है।

पाकिस्तान में कोई भी नहीं सुरक्षित

स्थानीय सूत्रों के मुताबिक, हमलावर पाकिस्तान की इस्लामिक राजनीतिक पार्टी तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (टीएलपी) से थे। पाकिस्तान एक ऐसा देश बन गया है जहां अहमदिया मुसलमानों के लोगों को घृणास्पद भाषण और हिंसा सहित व्यापक उत्पीड़न का सामना करना पड़ता है।

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