LGBT और लिवइन रिलेशन को क्या मिलेगी मान्यता, समान नागरिक संहिता की कमेटी में उठी ये मांग

समान नागरिक संहिता का ड्राफ्ट तैयार करने के लिए गठित विशेषज्ञ कमेटी गर्मियों तक अपनी रिपोर्ट सौंप सकती है। कमेटी के एक सदस्य के अनुसार इसमें एलजीबीटी कम्युनिटी और लिव इन में रह रहे जोड़ों के अधिकारों को सुरक्षित करने की मांग भी प्रमुखता से शामिल है। कमेटी की देहरादून में छोड़कर शेष जिलों में जनसुनवाई पूरी हो चुकी है।

इस कारण अब कमेटी ने फाइनल ड्राफ्टिंग तेज कर कर दी है। कमेटी का विस्तारित कार्यकाल 28 मई को समाप्त हो रहा है। पुष्कर सिंह धामी सरकार ने गत वर्ष सुप्रीम कोर्ट की रिटायर जस्टिस रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय कमेटी गठित करते हुए प्रदेश में समान नागरिक का ड्राफ्ट तैयार करने की पहल की थी।

इस कमेटी में रिटायर जज प्रमोद कोहली, राज्य के पूर्व मुख्य सचिव शत्रुघ्न सिंह, टैक्स पेयर एसोसिएशन के मनु गौर और दून विवि की वीसी प्रो. सुरेखा डंगवाल को शामिल किया गया है। कमेटी के एक सदस्य के मुताबिक अब सभी जिलों  में जन सुनवाई का काम पूरा हो चुका है। इस कारण प्राप्त सुझावों के आधार पर सिफारिशों का फाइनल ड्राफ्टिंग का काम तेज हो चुका है। कमेटी 28 मई को कार्यकाल समाप्त होने से पहले अपनी रिपोर्ट सौंपने की तैयारी कर रही है।

एलजीबीटी, लिवइन को रेगुलेट करने की मांग 

कमेटी के पास आम लोगों की तरफ से कुल 2.37 लाख सुझाव आए हैं। कमेटी के एक सदस्य के अनुसार इसमें एलजीबीटी कम्युनिटी और लिव इन में रह रहे जोड़ों के अधिकारों को सुरक्षित करने की मांग भी प्रमुखता से शामिल है। श्रीनगर, अल्मोड़ा जैसे पहाड़ी शहरों में भी लिव इन के अधिकारों और इसे नियंत्रित करने की बात प्रमुखता से सामने आई है। हालांकि व्यक्तिगत स्वतंत्रता से जुड़े विषय होने के कारण कमेटी इस पर एक राय नहीं बना पा रही है।   

Back to top button

Adblock Detected

Please consider supporting us by disabling your ad blocker