UKSSSC भर्ती रद्द करने के मामले में जांच रिपोर्ट दाखिल न करने पर HC ने जताई नाराजगी, कही ये बात

हाईकोर्ट ने उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की ओर से 900 सौ से अधिक पदों पर चयन को निरस्त करने के मामले में सुनवाई करते हुए जांच रिपोर्ट पेश नहीं करने पर सख्त नाराजगी जताई। नाराज कोर्ट ने कहा कि आपकी जांच रिपोर्ट की कोई आवश्यकता नहीं है।

कोर्ट ने इस मामले में सरकार को छह सप्ताह में जवाब दाखिल करने तथा याचिकाकर्ता को जवाब मिलने के दो सप्ताह में प्रति शपथपत्र दाखिल करने को कहा। अगली सुनवाई को आठ सप्ताह बाद की तिथि नियत की है।

चयनित अभ्यर्थी जगपाल सिंह व अन्य की याचिका पर सुनवाई हुई

शुक्रवार को वरिष्ठ न्यायाधीश न्यायमूर्ति संजय कुमार मिश्रा की एकलपीठ में स्नातक स्तरीय परीक्षा में चयनित अभ्यर्थी जगपाल सिंह व अन्य की याचिका पर सुनवाई हुई। जिसमें कहा गया है कि पिछले साल आयोग की ओर से स्नातक स्तरीय में समूह ग के पदों के लिए विज्ञप्ति जारी की थी। 4-5 दिसंबर 2021 को परीक्षा हुई और सात अप्रैल को परिणाम घोषित किया गया।

करीब डेढ़ लाख अभ्यर्थियों ने परीक्षा दी और 916 पदों के लिए अभ्यर्थियों का चयन हुआ। चयनित अभ्यर्थियों का चयन के बाद उनके सर्टिफिकेट का सत्यापन हो गया। इस मामले में पेपर लीक के बाद मुकदमा दर्ज हुआ और बाद में सभी नियुक्तियों को निरस्त कर दिया गया।

याचिका कर्ताओं के अनुसार उन्होंने मेहनत कर परीक्षा पास की, सरकार ने उनको बिना वजह ज्‍वॉइनिंग नहीं दी। कोर्ट में सुनवाई के दौरान आयोग ने कहा कि अभी जांच चल रही है, लिहाजा समय दिया जाए, लेकिन नाराज कोर्ट ने समय देने से इनकार कर दिया।

गर्भवती का अल्ट्रासाउंड नहीं होने के मामले में रिपोर्ट मांगी

नैनीताल-हाईकोर्ट ने नैनीताल बीडी पांडे अस्पताल में गर्भवती महिला का अल्ट्रासाउंड नहीं हो पाने की खबर का स्वतः संज्ञान लेते हुए राज्य के स्वास्थ्य महानिदेशक व बीडी पांडे अस्पताल के प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक का जबाव तलब करते हुए 27 फरवरी को रिपोर्ट देने को कहा है।

न्यायाधीश न्यायमूर्ति शरद कुमार शर्मा ने बी डी पांडे अस्पताल में अल्ट्रासाउंड नहीं होने से मरीजों, खासकर गर्भवती महिलाओं को हो रही परेशानी का स्वतः संज्ञान लेते हुए राज्य के स्वास्थ्य महानिदेशक व बी डी पांडे अस्पताल के प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक को नोटिस जारी करने के निर्देश दिए।

कोर्ट ने हल्द्वानी नैनीताल, भवाली नैनीताल आदि मार्गों में जगह जगह फूड वैन में खाना बिकने के मामले का भी स्वतः संज्ञान लिया है। इस मामले में नैनीताल के जिलाधिकारी से फूड वैन संचालकों को जारी लाइसेंस व अन्य औपचारिकताओं के बारे में रिपोर्ट देने को कहा है।

सहकारी समितियों के रिटायर्ड सदस्य सचिवों को पेंशन लाभ न देने पर मांगा जवाब

नैनीताल हाई कोर्ट ने जिला सहायक निबंधक सहकारी समितियों से रिटायर सदस्य सचिवों को पेंशन लाभ नहीं दिए जाने के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई की। वरिष्ठ न्यायाधीश न्यायमूर्ति संजय कुमार मिश्रा की एकलपीठ ने याचिका को स्वीकार करते हुए राज्य सरकार से छह सप्ताह में जवाब पेश करने को कहा है। अगली सुनवाई को 27 अप्रैल की तिथि नियत की है।

देहरादून निवासी नागेंद्र चौधरी, राजपाल व शिव प्रसाद डंगवाल ने याचिका दायर कर कहा है कि वह जिला सहायक निबंधक सहकारी समितियों से सदस्य सचिव पद से रिटायर हुए हैं। सेवाकाल में उन्हें अन्य सरकारी कर्मचारियों की भांति सभी लाभ दिए गए परन्तु पेंशन लाभ नहीं दिये गए, जबकि उनके साथ के ही कुर्क अमीनों को उनकी सेवाओं को जोड़ते हुए पेंशनरी बेनिफिट के लाभ दिए गए।

उन्होंने सरकार को कई बार प्रत्यावेदन भी दिए परन्तु अभी तक उनको इसका लाभ नहीं दिया गया। याचिका में सुप्रीम कोर्ट के आदेश उत्तर प्रदेश सरकार व अन्य बनाम चन्द्र प्रकाश पांडे के निर्णय का भी हवाला दिया गया। जिसमें सर्वोच्च न्यायलय ने कुर्क अमीनों के हित मे निर्णय देते हुए कहा कि इनकी सेवाओं को जोड़ते हुए इन्हें पेशनरी बेनिफिट के लाभ दिए जाए।

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