दुनिया के टॉप 10 प्रदूषित शहरों में नहीं है दिल्ली, सीएम केजरीवाल ने कही ये बात

दुनिया के 10 सबसे ज्यादा प्रदूषित शहरों की लिस्ट में राष्ट्रीय राजधानी का नाम न होने पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने दिल्लीवासियों को बधाई दी है। दिल्ली में प्रदूषण को लेकर सीएम केजरीवाल ने कहा कि दुनिया के सबसे स्वच्छ शहरों में अपना नाम दर्ज कराने के लिए हमें अभी लंबा सफर तय करना है।

उन्होंने ट्वीट कर कहा, “लंबे समय बाद दिल्ली दुनिया के सबसे प्रदूषित शहरों की सूची में नहीं है। दिल्ली वालों की कोशिश धीरे-धीरे रंग ला रही है। बधाई हो दिल्ली! लेकिन हमें अभी भी एक लंबा रास्ता तय करना है। हमारी गिनती दुनिया के सबसे स्वच्छ शहरों में होनी चाहिए।

अरविंद केजरीवाल ने कहा कि यह पल शहर में प्रदूषण को रोकने में दिल्ली के लोगों के योगदान के लिए सराहना करता है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में प्रदूषण को कम करने के लिए लगातार प्रयास जारी रखने के लिए काम किया जा रहा है। दिल्ली को दुनिया के सबसे स्वच्छ शहरों की लिस्ट में लाना हमारा लक्ष्य है।

दिल्ली-एनसीआर के लोगों ने साफ हवा में ली सांस

मौसम की मेहरबानी और तेज हवा से दिल्ली-एनसीआर में बुधवार को भी प्रदूषण से राहत रही। हालांकि, एयर इंडेक्स के अंकों में कुछ वृद्धि जरूर हुई, लेकिन श्रेणी ‘मध्यम’ ही बनी रही। सफर इंडिया की मानें तो गुरुवार को एयर इंडेक्स ‘खराब’ श्रेणी में पहुंच सकता है। केंद्रीस प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) द्वारा जारी एयर क्वालिटी बुलेटिन के मुताबिक बुधवार को राष्ट्रीय राजधानी का एयर इंडेक्स 190 यानी ‘मध्यम’ श्रेणी में दर्ज किया गया। वहीं, एक दिन पहले मंगलवार को यह 132 था।

वायु गुणवत्ता निगरानी स्टेशन होंगे स्थानांतरित

दिल्ली सरकार राजधानी में वायु प्रदूषण की स्थिति की ‘वास्तविक तस्वीर’ उपलब्ध कराने के लिए अपने कुछ वायु गुणवत्ता निगरानी स्टेशनों (सीएएक्यूएमएस) को स्थानांतरित करने पर विचार कर रही है। सरकार को उम्मीद है कि ऐसा करके प्रदूषण के कारकों तक बेहतर ढंग से पहुंचने में और मदद मिलेगी। दिल्ली में कुल 50 वायु गुणवत्ता निगरानी स्टेशन 10 मैनुअल और 40 रियल-टाइम हैं। ये दिल्ली के 1,484 वर्ग किमी क्षेत्रफल को कवर करते हैं।

इनमें से कुछ मौसम विभाग, कुछ सफर इंडिया और कुछ केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अधीन हैं। 24 निगरानी स्टेशनों का संचालन दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) करती है। पर्यावरण विभाग के अधिकारियों ने बताया कि कुछ सीएएक्यूएमएस भारी यातायात प्रवाह वाले क्षेत्रों में, बस स्टैंड या प्रमुख निर्माण स्थल के बगल में हैं।

इसका अर्थ है कि वे लगातार उच्च रीडिंग की रिपोर्ट करते हैं, लेकिन यह वास्तविक तस्वीर भी नहीं है, क्योंकि पूरे शहर में ऐसी स्थिति नहीं है। लिहाजा, कुछ सीएएक्यूएमएस को तटस्थ स्थानों पर स्थानांतरित करने का प्रयास किया जाएगा। अधिकारियों ने आनंद विहार सीएएक्यूएमएस का उदाहरण देते हुए बताया कि यह स्टेशन क्षेत्रीय रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (आरआरटीएस) परियोजना के ठीक बीच में स्थित है। दूसरी तरफ नजफगढ़ जैसे बड़े क्षेत्र में केवल एक सीएएक्यूएमएस है।

कुछ स्टेशनों को स्थानांतरित करने के बाद औद्योगिक, आवासीय या कृषि सभी क्षेत्रों का दिल्ली की वायु गुणवत्ता में उचित प्रतिनिधित्व होगा। कोई नया स्टेशन नहीं जोड़ा जाएगा। केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, दिल्ली का पीएम 2.5 प्रदूषण पांच साल में 28 प्रतिशत तक कम हुआ है। 2016 में 135 माइक्रोग्राम से 2022 में यह 97 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर पर आ गया।

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