रत्नागिरी में पत्रकारों का विरोध प्रदर्शन, आरोपियों के खिलाफ मकोका कानून लगाने की मांग

सैकड़ों पत्रकारों ने शनिवार को महाराष्ट्र के रत्नागिरी में अपने सहयोगी शशिकांत वारिशे की हत्या के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया।
बता दें कि वारिशे (48) को यहां से करीब 440 किलोमीटर दूर रत्नागिरी के राजापुर में 6 फरवरी को भूमि डीलर पंढरीनाथ अंबरकर द्वारा चलाई जा रही एक SUV ने कुचल दिया था और अगले दिन अस्पताल में उनकी मौत हो गई थी।
हत्या के आरोप में गिरफ्तार अंबरकर क्षेत्र में प्रस्तावित रिफाइनरी के लिए भूमि अधिग्रहण का विरोध करने वाले किसी भी व्यक्ति को धमकी देता था।
अंबरकर के खिलाफ वारिश द्वारा लिखा गया एक लेख घटना की सुबह एक स्थानीय मराठी अखबार में छापा गया था।
तहसीलदार के कार्यालय के बाहर पूर्वाह्न 11:30 बजे से विरोध प्रदर्शन किया गया, जिसमें पत्रकारों ने प्रस्तावित रिफाइनरी का विरोध कर रहे बरसु सोलगांव पंचक्रोशी रिफाइनरी विरोधी संगठन के कार्यकर्ताओं और ‘कुनबी समाज’ के सदस्यों के साथ भाग लिया।
विरोध प्रदर्शन दोपहर 2 बजे तक चलता रहा, जिसके बाद भाग लेने वालों ने तहसीलदार कार्यालय में ज्ञापन सौंपा।
उन्होंने हत्या की जांच के लिए एक विशेष जांच दल गठित करने, आरोपी के खिलाफ महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम (मकोका) लगाने और साथ ही विशेष रूप से नियुक्त लोक अभियोजक के तहत एक फास्ट ट्रैक अदालत में मुकदमे की मांग की है।
प्रदर्शनकारियों ने यह भी कहा कि राज्य सरकार को वारिसे के परिजनों को मुआवजे के रूप में 50 लाख रुपये का भुगतान करना चाहिए। शुक्रवार को मुंबई के पत्रकारों ने वारिशे की हत्या के खिलाफ महानगर के दक्षिण में मंत्रालय के पास विरोध प्रदर्शन किया था।