‘दृश्यम’ से मिला CSP संचालक की हत्या करने व सबूत मिटाने का आइडिया, जानें कैसे हुआ खुलासा

साहेबगंज थाना क्षेत्र के सलेमपुर गांव के सीएसपी संचालक रंजीत कुमार की हत्या से पहले आरोपितों ने दृश्यम फिल्म देखी थी। इस फिल्म से ही हत्यारों को हत्या करने व साक्ष्य मिटाने के लिए सबूतों को यहां-वहां छिपाने की जानकारी मिली थी। हत्यारों ने पुलिस को भटकाने के लिए सीएसपी संचालक का शव बोरे में बंद कर घटनास्थल से 20-25 किलोमीटर दूर देवरिया थाना क्षेत्र में कर्पूरी चौक से दो किलोमीटर दूर बांध के किनारे फेंका। उन लोगों ने मृतक की स्कूटी, लैपटाप व मोबाइल पूर्वी चंपारण जिला के केसरिया थाना क्षेत्र के मलाही गांव के निकट अलग-अलग स्थानों पर फेंका।

एसएसपी ने कार्यालय में किया साजिश का खुलासा

पुलिस ने इस हत्याकांड में संलिप्त दो आरोपितों को गिरफ्तार किया है। हत्या को अंजाम देने वाले पूर्वी चंपारण जिला के केसरिया थाना के धरमाहा गांव के संदीप कुमार व मुजफ्फरपुर जिला के साहेबगंज थाना क्षेत्र के प्रतापपट्टी गांव के ओमप्रकाश को गिरफ्तार किया गया है। संदीप स्कूल संचालक है और ओमप्रकाश गाड़ी का चालक है। इन दोनों के पास से पुलिस ने एक बाइक, शव को ठिकाने लगाने में प्रयुक्त हुई आल्टो कार व तीन मोबाइल जब्त किए हैं। इस संबंध में सारी जानकारी वरीय पुलिस अधीक्षक राकेश कुमार ने बुधवार को अपने कार्यालय कक्ष में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में दी।

वरीय पुलिस अधीक्षक ने बताया कि 14 जनवरी को साहेबगंज थाना क्षेत्र के सलेमपुर गांव के सीएसपी संचालक रंजीत कुमार (उम्र 45 वर्ष) की गुमशुदगी की सूचना थाने में दर्ज कराई गई थी। 15 जनवरी को देवरिया थाना के कर्पूरी चौक से दो किलोमीटर दूर बांध के किनारे बोरे में बंद उसका शव मिला। उन्होंने आगे बताया कि यह पूरी तरह से एक ब्लाइंड केस था, जिसमें सीएसपी संचालक की हत्या का कोई स्पष्ट कारण नहीं था।

हत्या के खुलासे के लिए अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी सरैया चंदन कुमार के नेतृत्व में विशेष टीम गठित की गई थी। इसमें डीआइयू के प्रभारी अनिल कुमार, साहेबगंज थानाध्यक्ष राजेश रंजन, पुलिस अवर निरीक्षक कुमार अभिषेक, पुरुषोत्तम कुमार, राजेश कुमार, ज्योति कुमार सिंह व सिपाही आनंद कुमार को शामिल किया गया था।

प्रेम और विवाह में बाधक बनने पर हुई हत्या

एसएसपी ने बताया कि इस हत्याकांड को लेकर पुलिस को कोई सूचना नहीं मिल रही थी, इसलिए मामले के खुलासे के लिए तकनीकी सबूतों का सहारा लिया गया। जांच के दौरान हत्या में संदीप व ओमप्रकाश की संलिप्तता के साक्ष्य मिले। मृतक रंजीत के सीएसपी के सामने ही संदीप का स्कूल है, जिसमें रंजीत की एक परिचित महिला से संदीप का प्रेम चल रहा था और वह उससे शादी करना चाहता था। रंजीत ने इसका विरोध किया था। इसी के चलते संदीप ने उसकी हत्या की योजना बनाई और 14 जनवरी को खाता खुलवाने का झांसा देकर रंजीत को स्कूल में बुलाया। स्कूल में किसी भारी वस्तु के प्रहार से रंजीत की हत्या कर दी गई। अगले दिन कार से शव को देवरिया ले जाकर फेंक दिया गया। वरीय पुलिस अधीक्षक ने बताया कि दोनों ने इस हत्याकांड में अपनी संलिप्तता स्वीकार कर ली है।

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