विश्व भारती विश्वविद्यालय ने ममता बनर्जी के खिलाफ बयान जारी कर कही ये बात

विश्व भारती विश्वविद्यालय द्वारा नोबेल पुरस्कार विजेता अमर्त्य सेन पर अवैध रूप से भूमि पर कब्जा करने के आरोप पर शुरू हुआ विवाद अब एक पूर्ण राजनीतिक लड़ाई में बदल गया है, विश्वविद्यालय ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के खिलाफ एक बयान जारी किया है.

एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक एक प्रेस बयान में, विश्वविद्यालय ने कहा, ‘विश्व भारती एक केंद्रीय विश्वविद्यालय है. हम आपके आशीर्वाद के बिना बेहतर हैं क्योंकि हम प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन (मार्गदर्शन) के आदी हैं.‘ बयान पर विश्वभारती की प्रवक्ता महुआ बनर्जी के हस्ताक्षर हैं.

मुख्यमंत्री ने सेन पर लगे आरोपों को किया खारिज
बता दें पीटीआई-भाषा के मुताबिक मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को बोलपुर में अमर्त्य सेन के  घर जाकर उनसे मुलाकात की थी और उन पर लगे आरोपों को आधारहीन बताया था. उन्होंने सेन को जमीन से संबंधित दस्तावेज सौंपे और जोर देकर कहा कि भविष्य में उनसे (सेन से)‘कोई सवाल नहीं कर सकेगा.’

नोबेल विजेता ने उन्हें धन्यवाद दिया, लेकिन साथ ही कहा कि जो लोग ‘वैचारिक मतभेदों के कारण’ उनके घर को छीनने की कोशिश कर रहे हैं, वे उन्हें निशाना बनाने का कोई और तरीका खोज लेंगे.

मुख्यमंत्री ने नोबेल पुरस्कार विजेता को भविष्य में उनकी सुरक्षा के लिए जेड-प्लस सुरक्षा देने की भी घोषणा की.

पश्चिम बंगाल प्रशासन ने जारी किया बयान
पीटीआई भाषा के मुताबिक पश्चिम बंगाल प्रशासन ने बाद में एक बयान में कहा, ‘राज्य सरकार ने सभी पुराने भूमि अभिलेखों की जांच की है. यह पाया गया कि प्रोफेसर सेन के पिता आशुतोष सेन को 1.38 एकड़ का दीर्घकालिक पट्टा दिया गया है, न कि 1.25 एकड़ का, जैसा कि विश्वभारती ने आरोप लगाया है.’

केंद्रीय विश्वविद्यालय का आरोप है कि अर्थशास्त्री के पास 0.13 एकड़ जमीन अवैध रूप से है. इस आरोप को सेन ने खारिज किया है. गौरतलब है कि विश्व-भारती ने पिछले सप्ताह सेन से कहा था कि वह शांतिनिकेतन में कथित रूप से ‘अवैध तरीके से’ कब्जा की हुई जमीन के हिस्सों को खाली कर दें.

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