गोरखनाथ मंदिर पर हमले का आरोपी अहमद मुर्तजा दोषी करार, कोर्ट ने सुनाया फैसला
बीते साल अप्रैल महीने में गोरखनाथ मंदिर पर हमले के आरोपी अहमद मुर्तजा अब्बासी को लखनऊ की एनआईए कोर्ट ने दोषी करार देते हुए फांसी की सजा सुनाई है। अब्बासी ने मंदिर की सुरक्षा में तैनात पीएसी सिपाहियों पर बांके से हमला किया था। इस दौरान मुर्तजा ने उनके हथियार भी छीनने की कोशिश की थी। 27 जनवरी को मामले में सुनवाई के दौरान मुर्तजा पर लगे आरोपों में वह दोषी पाया गया था। एनआईए कोर्ट के विशेष जज विवेकानंद शरण त्रिपाठी ने सोमवार को उसे फांसी की सजा सुनाई है। घटना को देश के खिलाफ जंग छेड़ने का मामला माना गया है।
इस मामले में एफआईआर गोरखपुर के गाेरखनाथ थाने में दर्ज की गई थी, जिसकी जांच एनआईए को सौंपी गई थी। घटना 2 अप्रैल 2022 की है, जब गोरखनाथ मंदिर पर एक अंजान शख्स बांका लेकर पहुंच गया और उसने मंदिर की सुरक्षा में तैनात पीएसपी के जवानों पर हमला कर दिया। जवानों से उसे मौके पर ही दबोच लिया। हालांकि, आरोपी के हमले में दो जवान भी घायल हो गए थे।
एटीएस से बचकर भाग रहा था जिहाद मुर्तजा
हमलावर की की शिनाख्त जिहादी अहमद मुर्तजा अब्बासी के रूप में हुई, जो आंतक गतिविधियों में शामिल था। उस वक्त भी अब्बासी पर एटीएस की नजर थी, जिसे पकड़ने के लिए दबिश भी दी जा रही थी, लेकिन वह हर बार चकमा दे रहा था।
हमले के दिन भी वह अब्बासी नेपाल से लौटा था, इसके ठीक एक दिन पहले एटीएस ने उसके घर पर दबिश दी, लेकिन वह पहले से ही फरार हो गया और वापस लौटकर गोरखपुर में गोरखनाथ मंदिर पर हमले की वारदात को अंजाम दिया। घटना के बाद विनय कुमार मिश्र ने थाना गोरखनाथ में दर्ज कराई थी।
असलहा छीनने का किया प्रयास
मुर्तजा ने गोरखनाथ मंदिर की सुरक्षा में तैनात पीएसी के जवान अनिल कुमार पासवान पर अचानक बांके से हमला किया था और उनका असलहा भी छीनने का प्रयास किया। बचाव के लिए दूसरा जवान आया, तो जान से मारने की नियत से उस पर भी धारदार हथियार से हमला कर दिया।
हमले से पहले बोला- अल्लाह-हु-अकबर
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, घटना के दौरान मुर्तजा हाथों में बांका लिए अल्लाह-हु-अकबर का नारा लगाकर पीएसी पोस्ट की ओर दौड़ा था। इससे लोगों में अफरा तफरी मच गई थी। मुर्तजा के हाथ में बांका देख लोग सहम गए। बड़े बांस से उसके हाथ पर प्रहार कर बांका छुड़ाया, इसके बाद उसे दबाेच लिया गया। तलाशी लेने पर मुर्तजा के बाद उर्दू भाषा में लिखी हुई एक धार्मिक किताब भी बरामद हुई थी।
विदेशी सिम से चलाता था डार्क वेब
जिहादी गतिविधियों में लिप्त मुर्तजा की हरकतों पर किसी की नजर न पड़े, इसके लिए वह विदेशी सिम का इस्तेमाल करता था। मुर्तजा ने 2900 रुपये में उसने विदेशी सिम कार्ड खरीदा था, जिसकी मदद से प्रतिबंधित वेबसाइट पर जाता और सर्च करके जिहादी वीडियो देखा करता था।
कब क्या हुआ
- 02 अप्रैल 2022 : एटीएस की टीम मुर्तजा को ढूंढते हुए घर पहुंची। जानकारी होने पर नेपाल भागा।
- 03 अप्रैल 2022: नेपाल से लौटे मुर्तजा ने गोरखनाथ मंदिर गेट पर तैनात सुरक्षाकर्मियों पर जानलेवा हमला किया। पुलिस ने गोरखनाथ थाने में मुकदमा दर्ज कराया।
- 04 अप्रैल, 2022: टेरर कनेक्शन से मामला जुड़ने पर पुलिस के साथ ही एटीएस व खुफिया एजेंसियों ने पूछताछ की। कोर्ट ने मुर्तजा को एक सप्ताह के लिए पुलिस कस्टडी रिमांड में भेजा।
- 05 अप्रैल, 2022: शासन ने मुकदमे की विवेचना एटीएस को सौंपी, लखनऊ से अधिकारी गोरखपुर पहुंचे।
- 05 अप्रैल, 2022: पूछताछ के बाद देर रात एटीएस की टीम मुर्तजा को लेकर लखनऊ रवाना हुई।
- 06 अप्रैल, 2022: एटीएस व कैंट पुलिस ने घर की तलाशी लेने के साथ ही मुर्तजा के कमरे में ताला बंद किया।
- 07 अप्रैल, 2022: पिता मुनीर को पूछताछ के लिए एटीएस मुख्यालय लखनऊ बुलाया गया।
- 08 अप्रैल, 2022 : मुर्तजा के बड़े पिता डा. खालिद को एटीएस ने बयान दर्ज कराने का नोटिस भेजा।
- 10 अप्रैल, 2022 : डा. खालिद अब्बासी अपना बयान दर्ज कराने एटीएस गोरखपुर के कार्यालय पहुंचे।
- 11 अप्रैल, 2022 : एटीएस ने मुर्तजा को एसीजेएम कोर्ट में पेश किया, पांच दिन की पीसीआर मिली।
- 12 अप्रैल, 2022: मुर्तजा को लेकर एटीएस उसके घर पहुंची। कमरे से डोंगल व एयरगन मिला।
- 14 अप्रैल, 2022: एटीएस की टीम मुर्तजा को पूछताछ के लिए गोरखपुर से लखनऊ ले गई।
- 15 अप्रैल, 2022 : मुर्तजा पर यूएपीए (गैर कानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम) बढ़ा दिया है।
- 17 अप्रैल, 2022: लखनऊ में पूछताछ के लिए बुलाए गए माता-पिता घर लौटे।
- 19 अप्रैल, 2022: आपरेशन के लिए मुर्तजा जिला अस्पताल में भर्ती हुआ।
- 20 अप्रैल, 2022: जांच के बाद जिला अस्पताल में हाथ का आपरेशन हुआ।
- 25 अप्रैल, 2022 : उपचार के बाद मुर्तजा को एटीएस की टीम लखनऊ ले गई।
- 27 जनवरी, 2023 : एटीएस/एनआइए की विशेष कोर्ट ने मुर्तजा पर आरोप तय किए।