पटना: 500 में युवती को बेचने वाले आरोपी को पुलिस ने किया गिरफ्तार, पूछताछ के दौरान हुए कई खुलासे

पटना, पटना से अपहरण कर एक युवती 500 रुपये में किशनगढ़ में बेच दी गई थी। पुलिस ने युवती का अपहरण करने वाले मानव तस्कर गिरोह के एक सदस्य को गुरुवार को गिरफ्तार किया था। आरोपी ने पुलिस पूछताछ में कई खुलासे किए हैं। उसने बताया कि गिरोह का सरगना लड़कियों को दूसरे राज्यों में भेजने और गलत ढंग से शादी करवाने का भी काम करता है।

कदमकुआं थाना पुलिस ने आरोपी शाहजहां अहमद उर्फ जावेद उर्फ राहुल को गुरुवार को जेल भेज दिया। जावेद ने पूछताछ में मानव तस्कर गिरोह के कई राज खोले हैं। जावेद ने बताया कि किशनगंज में देह व्यापार के अड्डा चलाने वाले सोनू आलम का मामा तस्कर गिरोह का सरगना है। वह युवतियों को दूसरे राज्यों में भेजने और गलत ढंग से उनकी शादी कराने का भी काम करता है। हालांकि, उसे सोनू के मामा का नाम पता नहीं है। टाउन डीएसपी अशोक कुमार सिंह ने बताया कि जावेद को रिमांड पर लेकर पूछताछ की जाएगी। जावेद से पूछताछ के आधार पर पुलिस गिरोह के सरगना और सदस्यों तक पहुंचने का प्रयास में जुट गई है।

अनजान नंबर से किडनैपर तक पहुंची पुलिस

19 दिसंबर को कदमकुआं थाना क्षेत्र के राजेंद्र नगर से 21 साल की युवती का अपहरण कर लिया गया था। युवती के नहीं मिलने पर परिजनों ने अपहरण का केस दर्ज करवाया। युवती के परिजन को घर के मोबाइल की कॉल हिस्ट्री में एक अनजान नंबर मिला। अनजान मोबाइल नंबर को आधार बनाकर दारोगा नवीन कुंअर और पूनम कुमारी की टीम ने जावेद को गिरफ्तार किया था। इसके बाद मानव तस्करी के गिरोह का भंडाफोड़ हुआ था।

पुलिस ने जावेद की निशानदेही पर किशनगंज जिले से युवती को बरामद किया था लेकिन पुलिस की भनक लगने पर सोनू और दीपक समेत अन्य आरोपी फरार हो गए थे। जावेद ने बताया कि उसका काम युवती को बहला-फुसलाकर दीपक तक ले जाने का था। इस अपहृत युवती के लिए उसे 500 रुपये दिए गए थे। दीपक उसे बस से लेकर किशनगंज गया और 30 हजार रुपये में सोनू के हाथ बेच दिया था। युवती ने अपने साथ हुए ज्यादती के संकेत दिए थे लेकिन मानसिक रूप से कमजोर होने के कारण वह साफ-साफ नहीं बता पा रही है।

प्यार के जाल में फंसाकर देह व्यापार में धकेलते तस्कर

पूछताछ में जावेद ने बताया कि उसका गिरोह भोली-भाली लड़कियों से दोस्ती करता था। फिर उन्हें बहला-फुसलाकर बस अड्डे पर ले जाता और वहां लड़की अपने साथी दीपक को सौंप देता। दीपक वहां से लड़की को किशनगंज ले जाता और सोनू को सौंप देता। जावेद ने बताया कि वे लोग मानसिक रूप से कमजोर लड़कियों को निशाना बनाते थे। इसके अलावा जिन लड़कियों की परिवार से नहीं बनती थी, गैंग के सदस्य उनसे हमदर्दी और प्यार जता कर दूसरे जिलों में बेच देते।

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