चीन और पाकिस्तान बॉर्डर पर तैनात होंगी प्रलय बैलिस्टिक मिसाइल

दिल्ली: भारत-चीन सीमा विवाद के बीच रक्षा मंत्रालय ने प्रलय मिसाइल को चीन और पाकिस्तान से लगी बॉर्डर पर तैनात करने का फैसला किया है। रविवार को मंत्रालय ने आर्म्ड फोर्सेज के लिए 120 प्रलय बैलिस्टिक मिसाइल खरीदने की परियोजना को मंजूरी दे दी है। ये पहली बार होगा, जब किसी बैलिस्टिक मिसाइल को स्ट्रैटेजिक कैंपेन के तहत तैनात किया जाएगा। यह मिसाइल 150 से 500 किलोमीटर तक अपने टारगेट को निशाना बना सकती है।

पूर्व CDS जनरल बिपिन रावत बॉर्डर पर रॉकेट फोर्स बनाने पर काम कर रहे थे।दिसंबर 2021 में लगातार दो दिन में दो बार इस मिसाइल का सफल परीक्षण किया गया था। तभी से सेना इस मिसाइल को शामिल करने की दिशा में काम कर रही थी। नेवी चीफ एडमिरल आर हरिकुमार ने हाल ही इसकी जानकारी दी थी।

प्रलय चीन की डोंगफेंग मिसाइल का मुकाबला कर सकती है। खास बात यह है कि इसे रात को भी दागा जा सकता है। इंटरसेप्टर मिसाइलों के माध्यम से प्रलय को रोकना दुश्मन के लिए बेहद मुश्किल है।

प्रलय जमीन से जमीन पर मार करने वाले क्वासी मिसाइल है। प्रलय मिसाइल में सॉलिड प्रोपेलेंट वाला रॉकेट मोटर लगा है। इसमें नई टेक्नोलॉजी के गाइडेंस सिस्टम में स्टेट-ऑफ-द-आर्ट नेविगेशन एंड इंटिग्रेटेड एवियोनिक्स भी लगाया गया है। रिपोर्ट्स की मानें तो प्रलय के निर्माण की बात 2015 से ही चल रही थी। DRDO ने अपने वार्षिक रिपोर्ट में इस मिसाइल का जिक्र किया था।

हाल ही में नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार ने कहा था कि स्वर्गीय जनरल बिपिन रावत रॉकेट फोर्स बनाने पर काम कर रहे थे। ताकि सीमा पर दुश्मन को काउंटर किया जा सके। प्रलय मिसाइल की तैनाती इसी मिशन का हिस्सा है।

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