विवादों में शिंदे सरकार! NCP ने DGP को लिखा पत्र, निर्भया फंड से खरीदे गए वाहनों को लेकर की ये मांग
मुंबई : महाराष्ट्र की सियासत में निर्भया फंड के उपयोग को लेकर भारी बवाल मच गया है. विपक्षों दलों का दावा है कि शिंदे गुट के विधायकों को निर्भया फंड से Y+ सुरक्षा दी गई है. सरकार पर विपक्ष ने यह भी आरोप लगाया है कि जो पैसे निर्भया फंड के लिए दिए गए थे, उन्हें इस काम के लिए खर्च किया जा रहा है. अब राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) ने महाराष्ट्र के पुलिस महानिदेशक (DGP) को इसे लेकर पत्र लिखा है. DGP को यह पत्र पार्टी के मुख्य प्रवक्ता महेश तापसे ने लिखा है.
ANI के अनुसार DGP को लिखे अपने पत्र में महेश तापसे ने निर्भया फंड के तहत खरीदे गए और वर्तमान में एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली सरकार के विधायकों की सुरक्षा के लिए तैनात पुलिस वाहनों को वापस लेने की मांग की है. तापसे ने डीजीपी को लिखे पत्र में कहा है कि वाहनों को तुरंत निर्भया दस्ते को वापस भेजा जाए.
तापसे ने अपने पत्र में आगे दावा किया है कि सरकार ने शिंदे गुट के लगभग 40 विधायकों को निर्भया फंड से सुरक्षा के लिए गाड़ी मुहैया कराया गया है. पत्र में कहा गया है कि सरकार के इस कदम की काफी निंदा हो रही है. साथ ही इससे निर्भया फंड के उपयोग के उद्देश्य में भटकाव आया है. निर्भया फंड की स्थापना राज्य में महिलाओं की सुरक्षा से संबंधित मुद्दों पर खर्च करने लिए बनाया गया था. इस फंड से विधायकों के सुरक्षा के लिए गाड़ी मुहैया कराना मतलब महिलाओं की सुरक्षा को नजरअंदाज करना है.
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वहीं कल उद्धव ठाकरे ने इसे शर्मनाक बताया था. उद्धव ठाकरे ने इस मामले के लेकर एक बयान जारी किया था. जारी बयान में कहा गया था कि ये काफी शर्मनाक है, हम सभी जानते हैं कि निर्भया स्क्वाड क्यों बनाया गया था. इसके जरिए हमारी मां और बहनों को सुरक्षा देने का उदेश्य था. इसके जरिए उन्हें सुरक्षा देना था.
गौरतलब है कि एनसीपी से लेकर उद्धव गुट की शिवसेना तक सभी इस मामले में मुख्यमंत्री पर हमलावर दिख रहे हैं. साथ ही विपक्ष द्वारा लगातार सवाल उठाया जा रहा है कि क्या विधायकों की सुरक्षा महिला सुरक्षा से ज्यादा जरूरी हो गई है. वहीं विपक्ष ने इसे अब बड़ा मुद्दा बना लिया है.