क्या खत्म होगा इमरान खान का सियासी करियर? पाकिस्तानी चुनाव आयोग लेने वाला है ये एक्शन

इस्लामाबाद : पाकिस्तान (pakistan) के चुनाव आयोग (ईसीपी) ने मंगलवार को पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) को पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के अध्यक्ष पद से हटाने की पहल की. आयोग ने यह कदम तोशखाना मामले में उनको संसद की सदस्यता से अयोग्य ठहराए जाने के बाद उठाया है. डॉन अखबार ने ईसीपी के एक शीर्ष अधिकारी के हवाले से खबर दी कि पूर्व प्रधानमंत्री को नोटिस जारी किया गया है और मामले की सुनवाई के लिए 13 दिसंबर की तारीख तय की गई है.
इमरान खान (खान) पर प्रधानमंत्री रहते हुए महंगी घड़ियों सहित मिले अन्य उपहारों को तोशखाना से रियायती दरों पर खरीदने के बाद मुनाफे पर बेचने का आरोप है. पाकिस्तान के चुनाव आयोग ने इस संबंध में ‘गलत बयानी और झूठी घोषणा’ का आरोप लगाते हुए संविधान के अनुच्छेद 63(i)(पी) के तहत इमरान खान को अयोग्य ठहरा दिया है. चुनाव आयोग के दस्तावेजों के मुताबिक वर्ष 1974 में स्थापित तोशखाना से 2.15 करोड़ मूल्य के सामान खरीदे गए जबकि उनका वास्तविक मूल्य 10.8 करोड़ रुपये था. गौरतलब है कि पाकिस्तानी कानून के तहत विदेश से सरकारी अधिकारियों और मंत्रियों को मिले उपहार अपने पास रखने से पहले तोशखाना या कोषागार में मूल्यांकन के लिए जमा कराने होते हैं.
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अयोग्य घोषित व्यक्ति राजनीतिक दल का चेयरमैन नहीं रह सकता: सुप्रीम कोर्ट
मालूम हो कि तोशाखाना की स्थापना 1974 में हुई थी. यह कैबिनेट डिवीजन के प्रशासनिक नियंत्रण के अंतर्गत एक विभाग है और शासकों, सांसदों, नौकरशाहों और अधिकारियों को अन्य सरकारों और राष्ट्रों के प्रमुखों और विदेशी गणमान्य व्यक्तियों द्वारा दिए गए कीमती उपहारों को संग्रहित करता है. 2018 में सुप्रीम कोर्ट की तीन सदस्यों वाली बेंच ने पाकिस्तान के चुनाव अधिनियम के खिलाफ याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए कहा था कि पाकिस्तान के संविधान के अनुच्छेद 62 और 63 के तहत अयोग्य घोषित किया गया व्यक्ति किसी राजनीतिक दल का नेतृत्व नहीं कर सकता. इस फैसले के मुताबिक ऐसा व्यक्ति किसी भी राजनीतिक दल या संस्था का चेयरमैन नहीं रह सकता. इमरान खान को संविधान की धारा 63 (i) (पी) के तहत संसद की सदस्यता से अयोग्य घोषित किया गया था. इसमें झूठा विवरण देने और गलत जानकारी देने पर सदस्यों की सदस्यता खत्म करने का प्रावधान है.
				
					




