Global Investors Summit 2023: पोर्टल निवेश सारथी के माध्यम से अब तक यूपी में आए 1.68 लाख करोड़ के निवेश प्रस्ताव
लखनऊ: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने फरवरी में होने वाले ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2023 में ₹10 लाख करोड़ के निवेश का लक्ष्य रखा है। अभी जीआईएस-23 को दो माह से ज्यादा का वक्त बचा है और सरकार द्वारा शुरू किए गए पोर्टल निवेश सारथी के माध्यम से उसे 30 नवंबर तक ₹1.68 लाख करोड़ से ज्यादा के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हो चुके हैं। महत्वपूर्ण बात ये है कि इसमें से ₹1.25 लाख करोड़ के एमओयू हो चुके हैं।
इन एमओयू के जरिए 5.5 लाख से ज्यादा रोजगार के अवसर पैदा होने की संभावना है। प्रदेश में 10 से 12 फरवरी के मध्य लखनऊ में ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट का आयोजन किया जा रहा है।
बड़ी संख्या में सृजित होंगी नौकरियां
निवेश सारथी डैशबोर्ड के अनुसार, पोटर्ल के जरिए निवेशकों के साथ कुल 148 एमओयू अब तक साइन किए जा चुके हैं। इन 148 एमओयू के जरिए सरकार को कुल ₹125,885 लाख करोड़ के प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। इन एमओयू के जरिए होने वाले निवेश से उत्तर प्रदेश में 5,63,496 नौकरियों के सृजन की संभावना है। इन एमओयू से इतर, पोर्टल के जरिए अब भी 315 निवेश के प्रस्ताव ऐसे हैं जो अभी एमओयू की प्रक्रिया में आगे बढ़ रहे हैं। अगर इनके साथ भी एमओयू होता है तो उत्तर प्रदेश में भारी संख्या में युवाओं के लिए नौकरी के अवसर सामने आएंगे।
अब और अचूक होगा यूपी पुलिस का निशाना, गोरखपुर में फायरिंग रेंज को मिली मंजूरी
प्राप्त हुए कुल 472 इंटेंट
पोर्टल पर 30 नवंबर तक निवेशकों की ओर से कुल 472 इंटेंट प्राप्त किए गए हैं। इन इंटेंट का प्रस्तावित निवेश ₹1,68,759 लाख से भी ज्यादा का है। यदि ये सभी इंटेंट एमओयू और निवेश में तब्दील हो जाएं तो इनसे 6,79,338 नौकरियों का सृजन संभव है। करीब 6 इंटेंट ऐसे रहे जिनकी प्रक्रिया पूर्ण नहीं हो सकी। ₹30,395 लाख के इंटेंट रिजेक्ट कर दिए गए, जबकि निवेशकों की ₹3,920 लाख के 4 इंटेंट की क्वेरीज फिलहाल पेंडिंग है।
सभी इंसेटिव्स मिलेंगे ऑनलाइन
निवेश सारथी पोर्टल की तरह ‘निवेश मित्र’ भी महत्वपूर्ण भूमिका में होगा। यह पोर्टल निवेशकों के इंसेटिव्स को इंसेंटिव्स ऑनलाइन ही प्रोसेस कर देगा। निवेशकों को इंसेटिव्स के लिए दफ्तरों के चक्कर नहीं लगाने होंगे। इसके लिए सरकार ने पोर्टल पर ऑनलाइन इंसेंटिव्स मैनेजमेंट सिस्टम (ओआईएमएस) की शुरुआत की है। इसके जरिए इंसेंटिव्स की प्रक्रिया, स्वीकृति एवं भुगतान किया जाएगा। पोर्टल यह भी सुनिश्चित करेगा कि संबंधित विभाग में इंसेंटिव की प्रक्रिया का ऑनलाइन निस्तारण हो और प्रत्येक स्तर पर निवेशक इसके स्टेटस को ट्रैक कर सके।