लश्कर और जैश को मजबूत करने में जुटा तालिबान, पूर्व अफगान सुरक्षा प्रमुख ने किया बड़ा दावा

अफगानिस्तान के पूर्व खुफिया प्रमुख रहमतुल्लाह नबील ने कहा कि अफगानिस्तान में तालिबान शासन के साथ अपनी व्यस्तता के बावजूद भारत को अपनी सुरक्षा में कमी नहीं आने देनी चाहिए। तालिबान और अधिक प्रौद्योगिकी क्षेत्र तक पहुंच रखते हैं। नबील ने कहा कि भारत के “स्वयं के हित” में तालिबान के साथ बातचीत आवश्यक थी, नई दिल्ली को पूर्व नेताओं के साथ भी चैनल खुले रखने चाहिए, भले ही वे अब सत्ता से बाहर हैं। नबील ने राष्ट्रपति हामिद करजई और राष्ट्रपति अशरफ गनी दोनों के अधीन राष्ट्रीय रक्षा सचिवालय (NDS) के निदेशक के रूप में कार्य किया है। उन्होंने अपने कार्यकाल (2010-2015) के दौरान भारत के साथ निकटता से सहयोग किया था। लेकिन गनी की पाकिस्तान यात्रा पर नबील ने इस्तीफा दे दिया था। 

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हाल ही में एक रिपोर्ट भी सामने आई थी जिसमें कहा गया था कि अफगानिस्तान के सिर्फ नंगरहार जिले में आठ आतंकी प्रशिक्षण कैंप चलाये जा रहे हैं जिसमें से तीन कैंप पूरी तरह से तालिबान के आतंकियों की देख-रेख में चलाए जा रहे हैं। यूएनएससी की तरफ से गठित समिति की यह 13वीं रिपोर्ट है। यह भी बता दें कि यूएनएससी की उक्त समिति की पहले की रिपोर्ट में कहा गया है कि जैश व लश्कर काफी पहले से तालिबान को वित्तीय व प्रशिक्षण की मदद दे रहे थे और अब जबकि तालिबान ने वहां सरकार बना ली है तो वह इन संगठनों को उसी तरह से मदद कर रहा है।

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