प्रधानमंत्री मोदी ने अरुणाचल प्रदेश में किया पहले ग्रीनफील्ड हवाई अड्डे का उद्घाटन, कहा- लटकाने भटकाने का युग बीत गया

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 19 नवंबर को अरुणाचल प्रदेश में एयरपोर्ट का उद्घाटन करने पहुंचे हैं। अरुणाचल प्रदेश की राजधानी ईटानगर में उन्होंने डोनी पोलो हवाई अड्डे का उद्घाटन किया। इस हवाई अड्डे की खासियत है कि ये राज्य का पहला ग्रीनफील्ड हवाई अड्डा है। पीएम ने राज्य के पश्चिम कामेंग जिले में 600 मेगावाट की कामेंग पनबिजली परियोजना राष्ट्र को समर्पित की है। 

हवाई अड्डे के उद्घाटन समारोह के दौरान पीएम मोदी ने कहा कि विकास बीजेपी की पहली प्राथमिकता है। हम परियोजना का शिलान्यास करने के बाद उसे पूरा करने में विश्वास रखते हैं। हमारी सरकार में अटकाना, लटकाना, भटकाना वाला काम नहीं होता है। ये युग अब बीते समय की बात हो गई है। हम जिन परियोजनाओं का शिलान्यास करते हैं उनका उद्घाटन भी करते है। बता दें कि पीएम मोदी ने वर्ष 2019 में होलांगी में इस हवाई अड्डे की आधारशिला रखी थी। उन्होंने कहा कि कल्चर हो या एग्रीकल्चर, कॉमर्स, कनेक्टिविटी, हर मामले में अब पूर्वोत्तर को अंतिम नहीं बल्कि सर्वोच्च प्राथमिकता मिलती है।

विपक्षियों पर साधा निशाना

उन्होंने कहा कि जब वर्ष 2019 में इस हवाई अड्डे का शिलान्यास किया गया था, तब यहां चुनाव होने थे। विपक्षियों ने दावा किया था कि यहां हवाई अड्डा नहीं बनेगा बल्कि ये दिखावा है। हवाई अड्डे का शिलान्यास करते हुए उन्होंने कहा कि हमारी सरकार देश में विकास को प्राथमिकता दे रही है। देश में साल भर विकास जारी रहता है।

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रिरिजू ने की पीएम मोदी की तारीफ

डोनी पोलो हवाई अड्डे के उद्घाटन समारोह के दौरान केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू भी मौजूद थे। उन्होंने कहा कि अरुणाचल प्रदेश की राजधानी में एयरपोर्ट बनाया जाना हमारा सपना था, जो वर्षों के बाद पीएम नरेंद्र मोदी के सकारात्मक प्रयासों के कारण साकार हुआ है। बता दें कि इस हवाई अड्डे के लिए होलोंगी में टर्मिनल का निर्माण 955 करोड़ रुपये की लागत से हुआ है। 4100 वर्ग मीटर में फैले इस हवाई अड्डे में 200 यात्री हो सकते है।

जानें परियोजना के बारे में

कामेंग पनबिजली परियोजना को पश्चिम कामेंग जिले में 80 किलोमीटर से अधिक क्षेत्र में 8,450 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से विकसित किया गया है। इससे अरुणाचल प्रदेश को बिजली अधिशेष राज्य बनाने और राष्ट्रीय ग्रिड को स्थिरता एवं एकीकरण के मामले में लाभ होने की उम्मीद है।

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