ज्ञानदेव सिंह ने निर्मल अखाड़े में रहने वाले संतों की सुरक्षा की मांग की
हरिद्वार: श्री पंचायती अखाड़ा निर्मल के अध्यक्ष श्रीमहंत ज्ञानदेव सिंह ने अखाड़े में रहने वाले संतों की सुरक्षा की मांग की है। बृहस्पतिवार सुबह पंजाब से आए दूसरे गुट के संतों के हरिद्वार अखाड़े में घुसने के बाद श्रीमहंत ज्ञानदेव सिंह की अध्यक्षता में शुक्रवार को संतों की बैठक हुई। इसमें संतों की सुरक्षा के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को ज्ञापन भेजा है।
श्रीमहंत ज्ञानदेव सिंह ने कहा कि बृहस्पतिवार सुबह पंजाब से आए संत जबरन अखाड़े में घुस गए। उनके साथ कई संतों को बंधक बनाना गया। आरोप लगाया कि संतों के वेश में कुछ लोग लंबे समय से अखाड़े की संपत्ति को खुदर्बुद करने की साजिश रच रहे हैं। संत समाज ने पुलिस प्रशासन की मदद से कई बार साजिश को नाकाम भी किया है। अखाड़े में घुसकर अशांति और भय फैलाया। कभी भी अप्रिय घटना हो सकती है।
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श्रीमहंत ज्ञानदेव सिंह ने कहा कि अखाड़े में रहने वाले संतों की सुरक्षा के लिए प्रभावी कदम उठाए जाएं। अखाड़े के कोठारी महंत जसविंदर सिंह ने कहा कि निर्मल अखाड़ा दशमेश गुरुओं की परंपराओं को मानने वाला सनातनी अखाड़ा है। 1993 से श्रीमहंत ज्ञानदेव सिंह अखाड़े के अध्यक्ष हैं।
1993 में निर्मल भेख, सभी 13 अखाड़ों और संत समाज ने श्रीमहंत ज्ञानदेव सिंह को श्री पंचायती अखाड़ा निर्मल का अध्यक्ष नियुक्त किया था। बैठक में महंत अमनदीप सिंह, महंत खेमसिंह, संत दर्शन सिंह शास्त्री, संत सहजदीप सिंह, महंत प्यारा सिंह, महंत हरदेव सिंह, स्वामी महादेव महाराज, महंत अचल सिंह, संत जरनैल सिंह और बलवीर सिंह समेत कई संत मौजूद रहे।