ई-श्रम कार्ड अपडेट कराने के बहाने फिंगर प्रिंट के क्लोन से लाखों रुपये उड़ाने वाले गैंग का पर्दाफाश

मेरठ: उत्तर प्रदेश के मेरठ में फिंगरप्रिंट के क्लोन और आधार कार्ड से रुपये निकालने वाले जालसाजों का पर्दाफाश हो गया है। आरोपी आरोपी ई-श्रम कार्ड अपडेट करवाने के बाहने गांव-गांव जाकर लोगों के उंगलियों के निशान इकट्ठा करते थे। पुलिस ने गिरोह के तीन युवकों को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया जिसके बाद उन्हें जेल भेज दिया गया। युवकों के पास से कंप्यूटर उपकरण, फिंगर प्रिंट डिवाइस बरामद हुआ है। 

ये मामला हस्तिनापुर थाना क्षेत्र का है। हाल ही में पुलिस को जानकारी मिली थी कि कुछ लोगों ने धोखाधड़ी से बैंक अकाउंट से रुपये निकाले जा रहे हैं। जब ये ये मामला आला अफसरों तक पहुंचा तो इसकी जांच शुरू हो गई। इस दौरान पता चला कि कुछ महीने पहले ई-श्रम कार्ड बनाने का काम बड़े स्तर पर हुआ था, जिसमें लोगों से उनके फिंगर प्रिंट के निशान लिए गए थे। इसी को जालसाजों ने ठगी का आधार बनाया। 

फिंगर प्रिंट का क्लोन बनाने में माहिर

थाना प्रभारी केपी सिंह राठौर के मुताबिक जांच के दौरान जनसेवा केंद्र चलाने वाले भीमनगर के गणेश का नाम सामने आया। पुलिस  ने जब हिरासत में लेकर गणेश से पूछताछ कि तो उसने सारी बात बता दी। गणेश ने बताया कि प्रभातनगर में वह जनसेवा केंद्र चलाता है। जहां फिंगर प्रिंट और आधार कार्ड से रुपये निकालने की व्यवस्था है। हाल ही में उसकी मुलाकात मोहनलाल से हुी। वह फिंगर प्रिंट से क्लोन तैयार करने में माहिर है। जिसके बाद उन्होंने एक अन्य जनसेवा केंद्र संचालक हरि ओम कश्यप को अपने साथ मिला लिया।

ई-श्रम कार्ड अपेडट कराने के बहाने लिया उंगलियों के निशान

गणेश ने पुलिस को बताया कि तीनों ने ई-श्रम कार्ड अपडेट कराने के बहाने गांव-गांव जाकर लोगों से संपर्क किया। फिर सबके फिंगर प्रिंट जुटाने लगे। इसके बाद तीनों ने मिलकर एक-एक करके लोगों के बैंक अकाउंट से रुपये निकालने लगे। मोहनलाल के बताया कि इंटरनेट लिंक के माध्यम फिंगर प्रिंट क्लोन तैयार करता था। क्लोन का फिंगर प्रिंट स्कैनर का प्रयोग करके अपने काम को अंजाम देते थे। पुलिस को 50 से अधिक आधार कार्ड और फिंगर प्रिंट के क्लोन बरामद हुए हैं। 

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