पाकिस्तान रच रहा ना ‘पाक’ साजिश, आतंकी संगठनों के साथ J&K में घुसपैठ की बनाई है योजना

दिल्ली: पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई की तरफ से भारत में फिर आतंकी वारदातों को अंजाम देने की साजिश रची जा रही है. ताजा खुफिया रिपोर्ट के मुताबिक आईएसआई ने लाइन ऑफ कंट्रोल यानी एलओसी के पास आतंकवादी हैंडलर्स और बॉर्डर गाइड्स के साथ बैठक की है. पिछले कुछ महीनों के दौरान कश्मीर में एलओसी के साथ लगे सेक्टरों में आतंकवादी घुसपैठ की घटनाएं बढ़ी हैं, जिससे सुरक्षाबलों और आम लोगों पर आईईडी और फिदायीन हमले का खतरा बढ़ गया है.

पाकिस्तान में चल रहे वर्तमान हालातों के मद्देनजर वहां की जनता का ध्यान बंटाने के लिए आईएसआई ने एक बार फिर नई साजिश रची है. इसके तहत पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी के अधिकारियों ने जम्मू-कश्मीर में बड़े पैमाने पर आतंकी वारदातों को अंजाम देने की प्लानिंग की है. गोला-बारूद के साथ आतंकवादियों को भारतीय सीमा में घुसपैठ करने के लिए कहा गया है. इंटेलिजेंस एजेंसियों की रिपोर्ट के मुताबिक लाइन ऑफ कंट्रोल के पार डेरी देवासी गांव में आईएसआई के अधिकारी आसिफ ने पाकिस्तान बॉर्डर गाइड्स और आतंकवादी हैंडलर्स की मीटिंग ली, जिसमें ज्यादा से ज्यादा आतंकवादियों को भारतीय सीमा में भेजने को कहा गया. पाकिस्तान की कोशिश जम्मू-कश्मीर में शांति भंग करने और आगामी विधानसभा चुनाव में अड़ंगा डालना है.

साथ ही आईएसआई के जरिए पाकिस्तान का मकसद स्थानीय आवाम में डर का माहौल पैदा करना है. ध्यान रहे कि भारत सरकार चाहती है कि जम्मू-कश्मीर में जल्द से जल्द विधानसभा चुनाव कराए जाएं, जिससे वहां की जनता को चुनी हुई सरकार मिल सके. पाकिस्तान नहीं चाहता कि जम्मू-कश्मीर लोकतांत्रिक प्रक्रिया आगे बढ़े और यहां की जनता इसमें शामिल हो. यही कारण है कि उसने एक बार फिर बड़ी साजिश रची है. कश्मीर के 7 सेक्टरों में साल 2021 के मुकाबले इस वर्ष आतंकवादियों की घुसपैठ बढ़ी है. रिपोर्ट के मुताबिक गुरेज सेक्टर में साल 2021 अगस्त तक 15 घुसपैठ हुई थी, जबकि इस साल यह संख्या बढ़कर 19 हो गई.

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इसमें लश्कर और जैश के आतंकी शामिल हैं. केरन सेक्टर में 2021 में मात्र 9 घुसपैठ हुई थी, जबकि इस साल अगस्त तक 18 घुसपैठ हो चुकी है और इसमें सभी घुसपैठ लश्कर के आतंकियों की है. रिपोर्ट कहती है कि मच्छल सेक्टर में 5 की जगह 14, तंगधार सेक्टर में 15 से बढ़कर 16, उरी में 17 से बढ़कर 20 आतंकवादी घुसपैठ की घटनाएं हुई हैं. इनमें ज्यादातर घुसपैठ की कोशिशें लश्कर और जैश के आतंकवादियों की ओर से की गई हैं. लिहाजा फिदायीन हमले का खतरा बढ़ गया है. खुफिया एजेंसियों की रिपोर्ट के आधार पर सुरक्षाबलों ने पाकिस्तान की साजिश का मुंहतोड़ जवाब देने की तैयारियां शुरू कर दी है.

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