जमाल खशोगी की तरह साजिश के तहत की गयी पत्रकार अरशद शरीफ की हत्या? निष्पक्ष जांच हुई तो खुल जाएगी पाकिस्तान की पोल

वाशिंगटन। साउदी अरब के पत्रकार जमाल खशोगी की हत्या ने पूरे विश्व की नाक में दम कर दिया था। मानवता के अधिकारों की पैरवी करने वालों की साउदी ने एक नहीं सुनी थी। अब खशोगी की तरह ही पाकिस्तान के प्रसिद्ध पत्रकार अरशद शरीफ की मौत का मामला पाकिस्तान के लिए बड़ा सिर दर्द बनता जा रहा हैं। अभी-अभी ग्रे लिस्ट से बाहर हुआ पाकिस्तान अतंराष्ट्रीय स्तर पर पत्रकार की मौत को लेकर सुर्खियां बटौर रहा हैं। हर तरह से प्रसिद्ध पत्रकार अरशद शरीफ मौत के कारणों की जांच करने की बात कहीं जा रही हैं और पाकिस्तान पर निष्पक्ष जांच दवाब बनाया जा रहा है।

भारत के पड़ोसी के लिए नया सिरदर्द प्रतीत होती प्रसिद्ध पाकिस्तानी पत्रकार अरशद शरीफ की हत्या के मामले में इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (आईएसपीआर) के डीजी मेजर जनरल बाबर इफ्तिखार और इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल नदीम अहमद अंजुम रावलपिंडी में एक साथ आए थे। विवादास्पद हत्या के बारे में विस्फोटक विवरण प्रकट करने के लिए एक दुर्लभ प्रेस कॉन्फ्रेंस की। अपनी आलोचनात्मक रिपोर्टिंग के लिए कथित रूप से जान से मारने की धमकी मिलने के बाद छिपकर रह रहे शरीफ की 24 अक्टूबर को केन्या में कानून प्रवर्तन ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। एक खोजी पत्रकार, वह पाकिस्तान की सरकार के मुखर आलोचक थे।

उत्तर कोरिया ने जापान सागर की ओर दागी दो बैलिस्टिक मिसाइलें, अमेरिका की नींद उड़ाने की लगातार कोशिश

संयुक्त राष्ट्र ने केन्या से एक पाकिस्तानी पत्रकार अरशद शरीफ की रहस्यमयी मौत की गहन जांच करने और निष्कर्षों को जनता के साथ साझा करने का आग्रह किया है। संयुक्त राष्ट्र महासचिव के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने न्यूयॉर्क में पत्रकारों से कहा मैंने उनकी मृत्यु की यह दुखद रिपोर्ट देखी। मुझे लगता है कि परिस्थितियों की पूरी तरह से जांच करने की जरूरत है, और केन्याई अधिकारियों ने कहा कि वे करेंगे। उन्होंने “जांच के परिणामों को शीघ्रता से साझा किए जाने” के महत्व को भी रेखांकित किया। वाशिंगटन में एक सोमवार दोपहर समाचार ब्रीफिंग में, प्रवक्ता नेड प्राइस ने शरीफ की मृत्यु में “केन्या की सरकार द्वारा पूरी जांच” के लिए अमेरिकी प्रशासन के आह्वान को दोहराया क्योंकि “यह पूरी तरह से स्पष्ट नहीं है, किस वजह से उनकी मृत्यु हुई।”

इस्लामाबाद पाकिस्तान सरकार ने केन्या में वरिष्ठ पत्रकार अरशद शरीफ की हत्या की जांच कर रही एक समिति का पुनर्गठन किया और इससे खुफिया एजेंसी आईएसआई के एक प्रतिनिधि को हटा दिया गया। एआरवाई टीवी के पूर्व एंकर अरशद शरीफ (49) को पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान का करीबी माना जाता था और इस साल के शुरू में पाकिस्तान की सुरक्षा एजेंसियों द्वारा देशद्रोह का मामला दर्ज किए जाने के बाद वह केन्या भाग गए थे। अरशद शरीफ की उस समय मौत हो गई थी, जब केन्या की राजधानी के बाहर एक चौकी से गुजरने के दौरान उनकी कार पर पुलिस ने गोलियां चला दीं।

नैरोबी पुलिस ने इस घटना पर खेद व्यक्त करते हुए कहा कि एक बच्चे के अपहरण के मामले में इसी तरह की कार की तलाशी के दौरान ‘‘गलत पहचान’’ के कारण यह घटना हुई। पाकिस्तान के गृह मंत्रालय ने बुधवार को उन तीन अधिकारियों की सूची से आईएसआई के प्रतिनिधि लेफ्टिनेंट कर्नल साद अहमद को हटा दिया जो पत्रकार के मारे जाने की घटना में तथ्यों की पड़ताल करने वाली टीम का हिस्सा होंगे। दो सदस्यीय टीम गृह विभाग को अपनी रिपोर्ट जमा करेगी जिसमें निदेशक/पुलिस उपमहानिरीक्षक, एफआईए अतहर वहीद और खुफिया ब्यूरो के उपमहानिदेशक उमर शाहिद हामिद शामिल होंगे।

अधिसूचना के अनुसार, टीम तुरंत केन्या के लिए रवाना होगी और विदेश मंत्रालय तथा नैरोबी स्थित पाकिस्तानी उच्चायोग टीम को सुविधा प्रदान करेगा। प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने मंगलवार को घोषणा की कि उनकी सरकार पत्रकार की हत्या की जांच के लिए तीन सदस्यीय न्यायिक आयोग का गठन करेगी। इस बीच, शरीफ का पार्थिव शरीर बुधवार तड़के इस्लामाबाद लाया गया। स्थानीय टीवी चैनल के फुटेज में इस्लामाबाद हवाई अड्डे पर बड़ी संख्या में लोग जमा दिखाई दिए, जिनमें मीडिया बिरादरी के सदस्य और इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी के नेता शामिल थे।

पत्रकार की पत्नी जावेरिया सिद्दीकी ने ट्विटर पर कहा, मेरा अरशद वापस आ गया है, लेकिन ताबूत में। उन्होंने ताबूत का एक वीडियो भी साझा किया। पत्रकार की मौत का मुद्दा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी उठा है। अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता नेड प्राइस ने कहा कि पत्रकार की मौत से अमेरिका दुखी है और घटना की जांच की जानी चाहिए। इससे पहले पाकिस्तान की सेना ने सरकार से उच्चस्तरीय जांच कराने को कहा था। सेना के प्रवक्ता मेजर जनरल बाबर इफ्तिखार ने मंगलवार को 24 न्यूज को दिए इंटरव्यू में यह मांग दोहराई। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि इन चीजों से निपटने के लिए गहन जांच की जरूरत है। मेरा मानना ​​है कि जांच सिर्फ इन चीजों (हत्या) की नहीं होनी चाहिए, बल्कि यह भी होनी चाहिए कि अरशद शरीफ को पाकिस्तान क्यों छोड़ना पड़ा।

Back to top button

Adblock Detected

Please consider supporting us by disabling your ad blocker