‘दुनिया हमारी ओर उम्मीद से देख रही है’, पीएम मोदी बोले- मैन्युफैक्चरिंग हब बनने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा भारत

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आर्सेलरमित्तल निप्पन स्टील इंडिया हजीरा प्लांट के भूमि पूजन के अवसर पर वीडियो संदेश दिया। इस दौरान उन्होंने AM/NS के हजीरा प्लांट का विस्तार पर बधाई देते हुए कहा कि इस स्टील प्लांट के माध्यम से सिर्फ इनवेस्टमेंट ही नहीं हो रहा है बल्कि भविष्य के लिए नई संभावनाओं के द्वार भी खुल रहे हैं। उन्होंने कहा कि 60 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का निवेश गुजरात और देश के युवाओं के लिए रोजगार के अनेक अवसर बनाएगा। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि आज दुनिया हमारी तरफ बहुत उम्मीद से देख रही है। भारत दुनिया का बड़ा मैन्युफैक्चरिंग हब बनने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है। सरकार इस सेक्टर के विकास के लिए आवश्यक पॉलिसी एनवायरनमेंट बनाने में तत्परता से जुटी है।

मोदी ने आगे कहा कि जब देश में स्टील सेक्टर मजबूत होता है, तो इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर मजबूत होता है, जब स्टील सेक्टर का विस्तार होता है, तो रोड, रेलवे, एयरपोर्ट और बंदरगाह का विस्तार होता है। उन्होंने कहा कि पिछले आठ वर्षों में सभी के प्रयासों की वजह से भारत की स्टील इंडस्ट्री दुनिया की सबसे बड़ी स्टील उत्पादक इंडस्ट्री बन गई है। इस इंडस्ट्री में विकास की अपार संभवानाएं हैं। प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि जैसे-जैसे हम एक विकसित राष्ट्र के लक्ष्य की ओर बढ़ रहे हैं, इस्पात उद्योग देश के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। भारतीय इस्पात उद्योग अब विश्व में दूसरे स्थान पर है। 

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प्रधानमंत्री ने कहा कि अमृत काल में प्रवेश कर चुका हमारा देश अब विकसित भारत के लक्ष्यों की ओर बढ़ने को आतुर है। देश की इस विकास यात्रा में स्टील उद्योग की भूमिका और सशक्त होने वाली है क्योंकि जब देश में स्टील उद्योग मजबूत होता है तो आधारभूत संरचना मजबूत होता है। उन्होंने कहा कि इस स्टील प्लांट के माध्यम से सिर्फ निवेश नहीं हो रहा है बल्कि भविष्य के लिए नई संभावनाओं के द्वार भी खुल रहे हैं। कंपनी के अधिकारियों ने बताया कि आर्सेलर मित्तल और निप्पन स्टील के संयुक्त उपक्रम ‘आर्सेलरमित्तल निप्पन स्टील इंडिया (एम/एन इंडिया)’ के हजीरा संयंत्र की कच्चे इस्पात की क्षमता 90 लाख टन सालाना से बढ़कर 1.5 करोड़ टन सालाना हो जाएगी। इसके लिए कंपनी को इस महीने की शुरुआत में पर्यावरण संबंधी मंजूरी मिली थी। 

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