रूस ने भी निभाई भारत संग अपनी दोस्ती, PoK और अरुणाचल प्रदेश को माना भारत का हिस्सा

दिल्लीः पिछले आठ महीनों से यूक्रेन और रूस के बीच युद्ध चल रहा हैं। इजराइल और नाटो देशों द्वारा दी गयी हथियारों की सहायता से यूक्रेन और रूस का युद्ध लंबा खिच गया। रूस की तरफ से किए गये पहले हमले के कारण रूस पर दबाव बनने के लिए कई तरह के प्रतिबंध लगाए। डॉलर रोक किया गया। रूस को अलग करने के लिए संयुक्त राष्ट्र संघ में कई प्रस्ताव भी लाए गये। भारत और रूस के संबंध हमेशा से ही काफी अच्छे रहे हैं। भारत की विदेश निती राष्ट्रीय हित को ध्यान में रख कर बनाई गयी हैं। ऐसे में भारत बिना किसी वजह से किसी भी देश के साथ अपने संबंधों को खराब नहीं करता हैं और किसी के आंतकित मामले में दखल भी नहीं देता हैं। रूस और यूक्रेन युद्ध दौरान भारत पर काफी दबाव बनाया गया कि वह रूस की आलोचना करे लेकिन भारत ने दोनों देशों से युद्ध को खत्म करने की अपील की। रूस के खिलाफ पश्चिमी देशों ने कई तरह के प्रतिबंध लगाने के लिए यूएन में प्रस्ताव लेकर आये लेकिन प्रस्ताव की वोटिंग के दौरान भारत ने हिस्सा नहीं लिया।

अब भारत ने तो कई बार अपनी दोस्ती निभा ली लेकिन इस बार रूस ने भी भारत के साथ अपने संबंधों को लेकर अपनी दोस्ती की एक झलक दिखाई हैं। रूसी सरकार द्वारा जारी नक्शे ने जम्मू-कश्मीर, लद्दाख और अरुणाचल प्रदेश पर भारत की स्थिति को प्रतिबिंबित किया है। राज्य के स्वामित्व वाली समाचार एजेंसी स्पुतनिक द्वारा जारी किए गए नक्शे में पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) और अक्साई चिन के साथ-साथ पूरे अरुणाचल प्रदेश को भारत के हिस्से के रूप में दिखाया गया है। ऐसे में एससीओ के साथी सदस्य पाकिस्तान और चीन को रूस की ये चीज बिलकुल रास नहीं आयी हैं। 

मानचित्र ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर और एससीओ के भीतर जम्मू-कश्मीर मुद्दे पर भारत की स्थिति को बढ़ाया है। यह पीओके में अमेरिकी राजदूत की यात्रा की पृष्ठभूमि में आता है। राजदूत ने इसे ‘आजाद कश्मीर’ कहा था। जर्मन विदेश मंत्री ने भी हाल ही में भारत और पाकिस्तान के बीच कश्मीर विवाद को सुलझाने में संयुक्त राष्ट्र की भूमिका का सुझाव दिया था।

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चीन ने हाल ही में SCO के लिए जारी किए गए मैप में भारत के कुछ इलाकों को अपने इलाके के हिस्से के तौर पर दिखाकर लूट का खेल खेलने की कोशिश की थी। एक सरकारी अंदरूनी सूत्र ने कहा कि एससीओ के संस्थापक सदस्यों में से एक रूस द्वारा भारत के नक्शे के सही चित्रण ने सीधे रिकॉर्ड स्थापित किया है।

सोवियत संघ और रूस ने 1947 से कश्मीर पर भारत का समर्थन किया है और भारत विरोधी प्रस्तावों को अवरुद्ध करने के लिए यूएनएससी में वीटो का इस्तेमाल किया है। मॉस्को ने बार-बार कहा है कि कश्मीर भारत और पाकिस्तान के बीच एक द्विपक्षीय मुद्दा है, जिससे विवाद के किसी भी अंतर्राष्ट्रीयकरण को रोका जा सकता है।

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