बिहार सरकार की बड़ी कार्रवाई, पूर्णिया SP समेत दो सीनियर IPS अधिकारी सस्पेंड

पटना : बिहार सरकार ने मंगलवार को बड़ी कार्रवाई करते हुए दो आईपीएस अफसरों को सस्पेंड कर दिया है. गया के पूर्व एसएसपी आदित्य कुमार और पूर्णिया के वर्तमान एसपी दयाशंकर को निलंबित किया गया है. गृह विभाग ने इस कार्रवाई को लेकर निर्देश जारी किया है. बिहार सरकार ने भ्रष्टाचार और जालसाजी के आरोप में बिहार कैडर के इन दो आईपीएस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की है.

पुलिस महकमे की किरकिरी करने वाले आदित्य कुमार और दयाशंकर को सरकार ने तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है. जालसाज अभिषेक अग्रवाल द्वारा हाईकोर्ट का फर्जी चीफ जस्टिस बन डीजीपी एसके सिंघल को फोन करने के मामले में गया के पूर्व एसएसपी और अभी पुलिस मुख्यालय में पुलिस महानिरीक्षक के सहायक आदित्य कुमार को निलंबित किया गया है. इसके अलावा पिछले सप्ताह विशेष निगरानी इकाई यानी एसवीयू की छापेमारी में मिली आय से अधिक संपत्ति मामले में पूर्णिया के एसपी दयाशंकर को भी निलंबित कर दिया गया है.

गृह विभाग ने इससे जुड़ा आदेश जारी कर दिया है. निलंबन की अवधि में दोनों आईपीएस अधिकारियों का मुख्यालय आईजी, केंद्रीय क्षेत्र पटना का कार्यालय होगा. इस दौरान अफसरों को केवल जीवन निर्वाह भत्ता देय होगा. विभागीय सूत्रों की मानें तो जल्द ही दोनों अधिकारियों से स्पष्टीकरण मांगते हुए विभागीय कार्रवाई भी शुरू की जाएगी. पूर्णिया के एसपी रहे दयाशंकर 2014 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं. उनके विरुद्ध कनीय पुलिस पदाधिकारियों की मिलीभगत से अवैध वसूली करने के आरोप लगे हैं.

इसके बाद 11 अक्टूबर को एसपी दयाशंकर के साथ सदर थानाध्यक्ष संजय सिंह, एसपी के रीडर नीरज कुमार सिंह और सिपाही सावन कुमार  के ठिकानों पर छापेमारी हुई. इसमें आय से करीब 72 लाख रुपये अधिक संपत्ति मिली थी. इस मामले में पूर्णिया के सदर थानाध्यक्ष समेत तीन पुलिसकर्मियों को पहले ही निलंबित किया जा चुका है. आदित्य कुमार 2011 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं. ये चर्चा में तब आए थे जब मगध रेंज के आईजी अमित लोढ़ा से इनका विवाद हो गया था. गया में एसएसपी रहते उनपर शराब माफिया से सांठ-गांठ के आरोप लगे थे, जिसकी विभागीय कार्रवाई चल रही है.

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