ड्रैगन करेगा मनमानी! शी जिनपिंग ने कहा- हांगकांग चीन में शामिल अब ताइवान अगला टारगेट

बीजिंग : रूस-यूक्रेन जंग के बाद से चीन-ताइवान की भी टेंशन बढ़ती जा रही है. चीन में रविवार को 20वीं कांग्रेस शुरू हो गई है. ये बैठक हर पांच साल बाद तियानमेन स्क्वायर में होती है, जिसे ग्रेट हॉल ऑफ पीपल के नाम से भी जाना जाता है. इस सम्मलेन में राष्‍ट्रपति शी जिनपिंग के साथ उनकी पार्टी के लॉ-मेकर्स हिस्सा ले रहे हैं. इस बार के बैठक में 2,300 डेलीगेट्स शामिल हुए हैं. इसी सम्मलेन में शी जिनपिंग ने स्पष्ट रूप से कह दिया है कि चीन ने हांगकांग पर व्यापक नियंत्रण हासिल कर लिया है और अब जो बड़ा संघर्ष है वो ताइवान के साथ है यानी ताइवान अब चीन का अगला टारगेट है.

शी ने कहा कि चीन हांगकांग को नियंत्रण करने में सफल रहा है. वहां कि अराजकता को प्रभावी रूप से शासन में बदल दिया गया है. शी ने आगे कहा कि चीन ताइवान के अलगाववाद के खिलाफ लड़ेगा. चीन ने जैसे हांगकांग को कब्जाया है उसी प्लान से ताइवान को भी कब्जाने में लगेगा. बता दें कि शी के इस बयान पर बवाल मचा हुआ है, ताइवान हमेशा से चीन से अलग रहना चाहता है लेकिन चीन उसे अपना हिस्सा मानता है. शी के इस बयान से साफ लग रहा है कि वे ताइवान को चीन में शामिल करके ही मानेंगे.

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इस सम्मलेन में राष्‍ट्रपति शी जिनपिंग का इरादा एकदम साफ दिखा है, उनके बयान ने साफ कर दिया है कि वह जैसे हांगकांग को कब्जाए हैं वैसे ही ताइवान को चीन का हिस्सा बनाकर ही शांति से बैठेंगे. रूस-यूक्रेन जंग के बाद से इन दोनों देशों की बढ़ती टेंशन पर दुनिया की नजर है. दोनों देशो के बीच का टकराव अमेरिकी स्पीकर नैंसी पेलोसी के ताइवान यात्रा के बाद तेजी से बढ़ा है. चीन की लाख कोशिशों के बावजूद पेलोसी ने ताइवान का दौरा किया, जिसके बाद चीन और आग-बबूला हो गया और उनके इस दौरे के बाद अपने 27 युद्धक विमानों को ताइवान के वायु रक्षा क्षेत्र में भेज दिया. धीरे-धीरे उसने ताइवान को चारों ओर से घेर लिया और अपने जंगी जहाजों और ड्रोन से ताइवान पर नजर गड़ाने लगा जो अभी तक जारी है.

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