दिवाली के पहले ही यूपी के कई जिले प्रदूषण से प्रभावित, मेरठ सबसे अव्वल

लखनऊ: दिवाली पर आतिशबाजी से पहले ही यूपी का मेरठ देश के सबसे प्रदूषित शहरों में शुमार हो गया है। शुष्क मौसम, उड़ती धूल एवं धुएं से मेरठ में हवा की गुणवत्ता बहुत खराब श्रेणी में पहुंच गई है। केंद्रीय प्रदूषण एवं नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) की रिपोर्ट में मेरठ सोमवार को देश में सर्वाधिक प्रदूषित शहर रहा। मुजफ्फरनगर प्रदूषित हवा में देश में दूसरे पायदान पर रहा। दोनों शहरों में पीएम-10 और पीएम-2.5 प्रदूषित हवा में मुख्य कारक रहे। इनके लिए धूल और धुआं मुख्य रूप से जिम्मेदार हैं। आइए जानें आज यानी मंगलवार को सुबह आठ बजे यूपी के प्रमुख शहरों लखनऊ, मेरठ, आगरा, बरेली, वाराणसी, कानपुर, गोरखपुर और प्रयागराज में क्‍या रही एयर क्‍वालिटी इंडेक्‍स की स्थिति। 

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की वेबसाइट के मुताबिक https://app.cpcbccr.com/AQI_India/ के मुताबिक मंगलवार यानि 18 अक्‍टूबर 2022 को सुबह आठ लखनऊ में एयर क्‍वालिटी इंडेक्‍स 105, आगरा में 89, बरेली में 151, वाराणसी में 112, प्रयागराज में 112, कानपुर में 83, गोरखपुर में 112 और मेरठ में 361 पाया गया। इसमें सबसे खराब स्थिति मेरठ की पाई गई है। जबकि लखनऊ, बरेली, वाराणसी, गोरखपुर और प्रयागराज में स्थिति संतोषजनक नहीं लेकिन फिलहाल संतुलित है। आगरा और कानपुर में स्थिति संतोष जनक पाई गई है। 

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दिल्‍ली-नोएडा से भी खराब स्थिति मेरठ-मुजफ्फरनगर की
सीपीसीबी की 164 शहरों की रिपोर्ट में मेरठ का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 333 और मुजफ्फरनगर का 314 दर्ज हुआ जो बहुत खराब श्रेणी में है। लंबे समय तक इस स्थिति के संपर्क में रहने पर श्वसन संबंधी परेशानी हो सकती हैं। खास बात यह भी है कि इन दोनों शहरों की हवा दिल्ली और नोएडा जैसे शहरों से ज्यादा खराब रही। 

हवा शांत होते ही चढ़ा प्रदूषण

खतरनाक स्थिति में पहुंचे प्रदूषण के पीछे मुख्य से मौसमी कारक जिम्मेदार हैं। सोमवार को हवा बिल्कुल शांत रही। पिछले हफ्ते बारिश के बाद से मौसम पूरी तरह से शुष्क है। ऐसे में नमी गायब हो चुकी है और धुल एवं धुएं के कण वातावरण में पहुंच रहे हैं। हवा शांत होते ही प्रदूषक एक ही स्थान पर बने हुए हैं और आगे नहीं बढ़ पा रहे। सुबह के वक्त नमी अपेक्षाकृत ज्यादा है जिससे धुल-धुएं के कण धुंध जैसी स्थितियां बना रहे हैं। सोमवार को शहर के कुछ हिस्सों में देर रात और सुबह के वक्त धुंध दिखाई दी। 

तीन वर्षों से अक्‍टूबर में जहरीली हो जा रही हवा

2019 में मेरठ में 27-31 अक्तूबर तक एक्यूआई 326 से 459 तक पहुंचा था। 2020 में 15, 21, 25, 26, 28, 30 और 31 अक्तूबर ऐसे रहे जिसमें वायु गुणवत्ता सूचकांक 300 से 367 तक पहुंचा था। 2021 में 31 अक्तूबर को अधिकतम एक्यूआई 333 रहा। इस साल यह स्थिति 17 अक्तूबर को ही बनने लगी है। यानी आने वाले दिन और मुश्किल भरे होने वाले हैं। 

गिर रहा है रात का तापमान

सोमवार को मेरठ में अधिकतम तापमान 31.8 और न्यूनतम 17.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ। रात के तापमान में निरंतर गिरावट हो रही है। सोमवार को दिन का तापमान सामान्य से एक और रात का दो डिग्री सेल्सियस कम दर्ज हुआ। रविवार की रात अक्तूबर में सबसे कम ठंडी रही।

क्‍या कहता है एक्‍यूआई 
एक्‍यूआई    स्‍तर     स्‍वास्‍थ्‍य पर संभावित असर    
0-50    अच्‍छा     बहुत कम 
51-100    संतोषजनक    संवेदनशील व्‍यक्तियों को सांस लेने में मामूली दिक्‍कत आ सकती है
101-200    संतुलित      फेफड़े, अस्‍थमा, दिल की बीमारी वाले लोगों को सांस लेने में तकलीफ हो सकती है
201-300 खराब    लम्‍बे समय तक बाहर रहने पर सांस लेने में दिक्‍कत आ सकती है
301-400 बहुत खराब     लम्‍बे समय तक बाहर रहने पर श्वसन तंत्र की समस्‍या हो सकती है
401-500 गंभीर स्थिति  स्‍वस्‍थ भी बीमार पड़ सकते हैं। पहले से बीमार लोगों को गंभीर समस्‍या हो सकती है। 

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