सट्टे में हारे तो छाप डाली 3 लाख नकली नोटे, 10-12वीं के छात्रों के कारनामे से पुलिस भी हैरान
कानपुर : कानपुर के घाटमपुर में पुलिस ने नकली नोट छापने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया है। सभी 12 आरोपित छात्र हैं और अब तक 100-100 के तीन लाख नकली नोट छाप चुके हैं। शनिवार को पुलिस ने छापेमारी कर 40 हजार रुपये के नकली नोट बरामद किए। 10वीं फेल नाबालिग और 12वीं पास विभु यादव को गिरफ्तार किया गया है। गैंग के 10 फरार हैं, जिन्हें पकड़ने के लिए टीमें लगाई गई हैं। पतारा चौकी इंचार्ज विनीत मिश्रा को काफी समय से कस्बे के बाजार में नकली नोट खपाने की सूचना मिल रही थी।
दो दिन पहले में बिहारी नाम की मिठाई की दुकान में एक युवक ने 100 का नोट देकर खस्ते खरीदे। दुकानदार को शक हुआ तो उसने नोट चेक कराया। फर्जी निकलने पर पुलिस को सूचना दी, इस पर विनीत ने छानबीन शुरू की। उन्होंने देखा कि बरनाओ मोड़ पर एक किशोर से दुकानदार की नकली और असली नोट को लेकर बहस चल रही थी। चौकी इंचार्ज ने दोनों को पकड़ लिया। गिरफ्तार युवकों में एक की पहचान ईडब्ल्यूएस वसंत विहार बर्रा निवासी विभु के तौर पर हुई। दूसरा नाबालिग जरौली फेज-2 का निकला।
ऑनलाइन सट्टा हारने के बाद छापने लगे नोट
पकड़े गए नाबालिग ने बताया कि वह मूलरूप से फतेहपुर का रहने वाला है। दो साल पहले तक परिवार के साथ दिल्ली के विकासपुरी में रहता था। वहीं प्राइवेट स्कूल में पढ़ता था। दसवीं में फेल हो गया तो ऑनलाइन सट्टा खेलना शुरू कर दिया। धीरे-धीरे उसने मां के छह लाख रुपये सट्टे में गंवा दिए। वर्ष 2020 में कोरोना काल में लॉकडाउन के दौरान परिवार कानपुर शिफ्ट हो गया था। सट्टे में इतनी रकम हारने के बाद अपने दोस्तों के साथ मिलकर नकली नोट छापने शुरू कर दिए। पुलिस डाई बनाने वाले आरोपित की भी तलाश कर रही है।
पॉलिटेक्निक उन्नाव में ले चुका था दाखिला
गिरफ्तार विभु 12वीं पास करने के बाद उन्नाव स्थित पॉलीटेक्निक में केमिकल इंजीनियरिंग में दाखिला ले चुका था। वर्तमान में क्लास नहीं चल रही थी। वह दादानगर स्थित फैक्ट्री में काम भी करता था।
क्या हुआ बरामद
100 रुपये के 421 नकली नोट, एक नोट छापने वाली डाई, प्रिंटर, तीन पैकेट नोट वाले कागज, अर्धनिर्मित नोट और मोबाइल बरामद किया गया है।