भरुआ: बुवाई शुरू नहीं हुई डीएपी का संकट गहराने लगा
- केंद्रों में डीएपी आते हो रही नदारत
भरुआ सुमेरपुर। अभी क्षेत्र में बुवाई का कार्य शुरू नहीं हुआ है। लेकिन डीएपी खाद आते ही नदारद हो जा रही है। किसान लाइन लगाने के बाद बगैर खाद के बैरंग लौट रहे हैं। किसानों ने पीसीएफ के किसान सेवा केंद्र के प्रभारी पर डीएपी की कालाबाजारी करने का आरोप लगाया है। पीसीएफ प्रभारी ने आरोपों को निराधार बताया है।
ब्लॉक क्षेत्र के किसी भी गांव में अभी तक रबी की फसलों की बुवाई शुरू नहीं हुई है। लेकिन डीएपी खाद वितरण केंद्रों से नदारद होने लगी है। कस्बे के क्रय विक्रय सहकारी समिति, क्षेत्रीय सहकारी समिति में डीएपी खाद का स्टाक शून्य है। कस्बे की छोटी बाजार में संचालित पीसीएफ के किसान सेवा केंद्र में गुरुवार को 500 बोरी डीएपी आई थी। यह आते ही दोपहर होते-होते खत्म हो गई। टेढा,पारा रैपुरा,भौनिया,बण्डा, मवईजार से आए तमाम किसानों ने केंद्र प्रभारी पर डीएपी अधिक रेट में देने का आरोप लगाया है। राजू मवईजार, पूरन मवईजार,छोटा टेढ़ा, रणबहादुर टेढा सहित मौजूद किसानों ने आरोप लगाया कि केंद्र प्रभारी अधिक दामों में डीएपी बेचकर कालाबाजारी करने में मशगूल है।
काफी किसानों को आज बगैर खाद के बैरंग लौटना पड़ा है। केंद्र प्रभारी शिव सिंह ने किसानों के आरोपों को निराधार बताते हुए कहा कि वह एक किसान को आधार कार्ड खतौनी जमा कराकर पांच बोरी डीएपी नियमानुसार मुहैया कराई है। अधिक दाम लेकर खाद बेचने का आरोप निराधार है। अभी तक 4500 बोरी डीएपी किसानों को दी जा चुकी है।एक दो दिन में एक हजार बोरी आने वाली है।खाद का कोई संकट नहीं है।