केवल ब्रिटेन ही नहीं इन 15 देशों के भी राजा हैं चार्ल्स लेकिन रहेंगे ये पक्का नहीं

क्वीन एलिजाबेथ के लंबे शासन के बाद जब उनका निधन हुआ तो 73 साल की उम्र में प्रिंस चार्ल्स की ताजपोशी किंग यानि राजा के तौर पर हुई. इसके साथ ही वह ब्रिटिश राजशाही के शीर्ष पद पर आसीन होकर न केवल ब्रिटेन के राजा बन गए बल्कि संवैधानिक राजशाही स्वीकार करने से लेकर कामनवेल्थ राजशाही स्वीकार करने वाले देशों के भी प्रमुख हो गए. हालांकि ज्यादातर देशों में अब ब्रिटिश राजशाही की सुप्रीम पोजिशन केवल प्रतीकात्मक ही है.

हालांकि क्वीन एलिजाबेथ के ही जीवन के दौरान ब्रिटिश राजशाही को अपना सुप्रीम मानने वाले तमाम देशों में राजशाही से अलग होने की आवाज उठने लगी है. कुछ देशों में इसे लेकर रायशुमारी हुई तो कुछ देशों ने गणराज्य बनने की ओर कदम बढ़ा लिये हैं.

इस प्रक्रिया के पूरा होने के बाद ब्रिटिश राजशाही से उनका रिश्ता खत्म हो जाएगा. हालांकि भारत में आजादी के बाद ये स्थिति थी लेकिन जिस दिन हम गणतांत्रिक देश बने, उसी दिन ब्रिटिश राजशाही हमारी प्रतीकात्मक सुप्रीमो नहीं रही.

ब्रिटेन में 03 स्वायत्तशासी देश

वैसे आपको बता दें ब्रिटेन में भी तीन देशों की अलग सरकारें हैं लेकिन वो अब भी पूरी तरह से ब्रिटेन के अधीन हैं, ये देश आयरलैंड और स्काटलैंड हैं. जहां स्वायत्त सरकारें हैं. उन्हें अलग देश का दर्जा भी हासिल है लेकिन वो अब भी ब्रिटेन का ही हिस्सा माने जाते हैं. हालांकि आयरलैंड और स्काटलैंड में भी लगातार आजादी को लेकर आंदोलन चलता रहा है.

कनाडा, आस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड

इसके अलावा तीन और ऐसे देश हैं जो संवैधानिक राजशाही को मानते हैं. वो ब्रिटिश राजशाही को अपना सुप्रीम मानते हैं. ये तीन देश हैं कनाडा, न्यूजीलैंड और आस्ट्रेलिया. लेकिन इन तीनों देशों में राजशाही को सुप्रीम नहीं मानने की कवायद चलती रहती है बल्कि इसे लेकर आवाज भी उठी है.

आस्ट्रेलिया में राजशाही से अलग होने की आवाज

आस्ट्रेलिया में 1999 में ब्रिटिश राजशाही से अलग होने को लेकर रायशुमारी हो चुकी है लेकिन तब 55  फीसदी लोगों ने इसे खारिज कर दिया था. अब फिर से वहां ये आवाज उठने लगी है. कई सांसद इसके खिलाफ आवाज उठा चुके हैं. जनता को भी इसका समर्थन मिल चुका है.

Back to top button

Adblock Detected

Please consider supporting us by disabling your ad blocker