कप्तान को भूले रिज़वान और फील्ड अंपायर, बाबर से बिना पूछे ले लिया DRS

दुबई : एशिया कप के सुपर-4 मुकाबले में शुक्रवार को श्रीलंका ने पाकिस्तान को 5 विकेट से हरा दिया। शुक्रवार को पाकिस्तान ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 122 रन बनाए थे। श्रीलंका ने 18 गेंद पहले ही टारगेट हासिल कर लिया। हालांकि पाकिस्तान पहले ही एशिया कप के फाइनल में पहुंच चुका है। फाइनल में भी रविवार को श्रीलंका और पाकिस्तान की टीमें ही आमने- सामने होंगी।

शुक्रवार को श्रीलंका की पारी के दौरान पाकिस्तानी विकेट कीपर मोहम्मद रिजवान और फील्ड अंपायर ने एक ऐसा काम कर दिया, जिसके बाद बाबर आजम को यह कहना पड़ा कि टीम का कप्तान मैं हूं। पूरा वाकया कैमरे में कैद हो गया। इसका वीडियो भी वायरल हो रहा है। अब आपको पूरा मामला तफसील से समझाते हैं…

बाबर आजम ने फील्ड अंपायर से कहा- टीम का कप्तान मैं हूं.

रिजवान ने बाबर से पूछे बिना लिया DRS
श्रीलंका की पारी के 16वें ओवर के दौरान गेंदबाजी का जिम्मा हसन अली संभाल रहे थे। ओवर की दूसरी गेंद पर श्रीलंका के कप्तान दासुन शनाका ने स्कूप शॉट मारने की कोशिश की, पर गेंद उनके बल्ले पर नहीं आई और विकेटकीपर मोहम्मद रिजवान के ग्लव्स में चली गई।

रिजवान को लगा कि गेंद बल्ले का बाहरी किनारा से लगकर उनके हाथों में आई है। इसके बाद उन्होंने अपील की, लेकिन फील्ड अंपायर अनिल चौधरी ने शनाका को नॉट आउट करार दिया। इसके बाद रिजवान ने तुरंत DRS लेने का इशारा कर दिया, चौधरी ने भी लगे हाथ इसे मंजूर कर लिया।

DRS मंजूर करने पर नाराज हुए आजम
रिजवान के कहने पर DRS मंजूर करने पर बाउंड्री लाइन पर फील्डिंग कर रहे कप्तान बाबर आजम तुरंत फील्ड अंपायर के पास पहुंचे। उन्होंने कहा- मैं कप्तान हूं। मेरे बिना कहे आपने DRS को कैसे मंजूर कर लिया। नियम के मुताबिक कप्तान के ग्रीन सिग्नल के बाद ही फील्ड अंपायर DRS को मंजूर करता है। यहां भारतीय अंपायर ने रिजवान के कहने पर ही फैसला ले लिया था।

पाकिस्तान का एक रिव्यू बर्बाद हो गया
रिजवान के DRS लेने से पाकिस्तान का यह रिव्यू बर्बाद हो गया, क्योंकि श्रीलंका के कप्तान दासुन शनाका नॉट आउट रहे। यानी थर्ड अंपायर ने भी माना कि फील्ड अंपायर का फैसला सही है। हालांकि शनाका अगले ही ओवर में मोहम्मद हसनैन की गेंद पर आउट होकर पवेलियन लौट गए। उन्होंने 16 गेंदों में 21 रन बनाए।

क्या है DRS
डीआरएस (DRS) का पूरा नाम डिसीजन रिव्यू सिस्टम है। जब भी किसी टीम को यह लगता है कि अंपायर ने जो निर्णय लिया हैं वह गलत है। तो वह अंपायर की ओर हाथों से Tनिशान बनाकर DRS का इस्तेमाल कर सकता हैं। खिलाड़ी को इसका फायदा उठाने के लिए अंपायर के डिसीजन के 15 सेकेंड अंदर ही लेना पड़ता है। उसके बाद यह नहीं ले सकता है।
DRS का इस्तेमाल एक टीम 4 बार कर सकती है। यानी बल्लेबाजी के दौरान 2 और फील्डिंग के दौरान 2 बार इसका इस्तेमाल कर सकती है। अगर DRS लेने पर फैसला टीम के पक्ष में आता है, तो यह बरकरार रहता है और अगर टीम के पक्ष में फैसला नहीं आता है, तो यह खत्म हो जाता है।

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