पेपर लीक घोटाले में उन लोगों की कहानी चर्चा में,जो पेपर पाने के बावजूद पास नहीं हो सके

देहरादून : उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग यानी यूकेएसएसएससी के भर्ती घोटाले में एक नया खुलासा हो रहा है. इस मामले में एसटीएफ को अब तक पता चला है कि ऐसे करीब 260 लोग थे, जिन्होंने लीक पेपर खरीदा था और हर शख्स इस पेपर के लिए औसतन 15 लाख रुपये की कीमत अदा की थी. लेकिन बड़ा खुलासा यह है कि इनमें से 220 लोग तो परीक्षा देकर पास हो गए पर 40 लोग लीक पेपर मिलने और लाखों की कीमत अदा करने के बावजूद फेल हो गए. हैरान करने वाली बात यह भी आ रही है कि इन पेपरों की कीमत चुकाने के लिए लोगों ने कर्ज़ पर पैसा उठाया था.

एसटीएफ का कहना है कि जिन लोगों ने लीक पेपर के ज़रिये परीक्षा पास की, अब वो भी अपने आप एसटीएफ की मदद करने के लिए पहुंच रहे हैं. एक एसटीएफ अधिकारी के हवाले से कहा गया है, ‘पहाड़ों के रहने वाले कई लोगों ने लीक पेपर पाने के लिए कर्ज़ पर पैसा लिया या अपनी संपत्तियां बेचकर रकम जुटाईजो पास हो गए हैं, वो इस उम्मीद में सामने आ रहे हैं कि कोर्ट से उन्हें राहत मिलेगी, लेकिन जिनका पैसा डूब चुका है और भर्ती भी नहीं मिली, वो लोग किसी डर के चलते खुलकर नहीं आए हैं.’

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ऐसे करवाई गई थी नकल

इस मामले में गिरफ्तार आरोपी शशिकांत ने करीब 60 परीक्षार्थियों को नैनीताल के डिंगता रिज़ाॅर्ट में नकल करवाई थी. इनमें से करीब 25 ही नकलची भर्ती मे सलेक्ट हो पाए. अन्य छात्रों को गलत पेपर पकड़ा दिया गया, जिनका सलेक्शन नहीं हो पाया. इन सभी से आरोपियों ने करीब 15 लाख रुपये प्रति कैंडिडेट लिये थे. लेकिन ऐसे परीक्षार्थी थे जिनको दूसरे सेट का पेपर दे दिया गया.

आपको बतादें STF ने UKSSSC में हुये 916 पदों पर भर्ती प्रक्रिया में सलेक्ट हुए छात्रों से भी पूछताछ की है और अभी तक STF के पास 200 से ज़्यादा ऐसे कैंडिडेट पहुंचे हैं, जिन्होंने नकल कर नौकरी पाई. पूरे मामले में STF एसएसपी अजय सिंह का कहना है कि पेपर लीक करने और बेचने वालों को पकड़ना हमारा फोकस है. और भी लोग टारगेट पर हैं, जिनको जल्द अरेस्ट किया जाएगा.

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