‘प्रसूता’ को बीच सड़क पर उतारना पड़ा महंगा,एम्बुलेंस कर्मियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज, किये गए बर्खास्त
भरुआ सुमेरपुर। प्रसव के लिए एंबुलेंस से लाई जा रही प्रसूता को बीच सड़क पर उतार देने के प्रकरण को उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने गंभीरता के साथ लिया। उनके आदेश पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी की जांच के बाद प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सक डॉ परवेज कादरी की तहरीर पर पुलिस ने एंबुलेंस चालक एवं ईएमटी के खिलाफ मुकदमा दर्ज करके गिरफ्तार किया। इसी के साथ दोनों कर्मियों को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है। जिससे एंबुलेंस कर्मियों में हड़कंप मच गया है। इस खबर को प्रमुखता के साथ प्रकाशित किया गया था।
गत पांच सितंबर को भौरा गांव निवासी रेखा निषाद को दोपहर 12:00 बजे के करीब प्रसव पीड़ा बढ़ने पर एंबुलेंस से अस्पताल लाया जा रहा था। प्रसूता के ससुर का आरोप है कि एंबुलेंस के ईएमटी एवं चालक ने 1000 रुपए की मांग की थी। न देने पर प्रसूता को पारा रैपुरा के पास एम्बुलेंस से उतार दिया गया था। खबर के प्रकाशित होने के बाद सूबे के उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने इसको गंभीरता के साथ लिया था और सीएमओ एके रावत को आदेश दिए थे कि दोनों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करके बर्खास्त किया जाए।
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उपमुख्यमंत्री के आदेश के बाद सीएमओ ने मामले की जांच की। जिसमें दोनों कर्मी दोषी मिले। इस पर मंगलवार को रात्रि करीब 12 बजे कस्बे के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सक डॉ परवेज कादरी की तहरीर पर पुलिस ने धारा 386के तहत एंबुलेंस के चालक अभिषेक प्रताप निवासी करवा मजरा बनियानी पोस्ट तपनी थाना ललौली जनपद फतेहपुर व ईएमटी अजीत कुमार निवासी ग्राम सैठी पोस्ट दयालनगर थाना चांदपुर जनपद फतेहपुर के खिलाफ दर्ज करके रात में भी दोनों को गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तारी के बाद दोनों को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है। एंबुलेंस कर्मियों के बर्खास्त होने से आहत एंबुलेंस कर्मी संघ ने जिलाधिकारी को ज्ञापन देने का निर्णय लिया है। एंबुलेंस संघ का कहना है कि दोनों कर्मी निर्दोष हैं। वह निष्पक्ष जांच की मांग करेंगे।