अखिलेश से क्लेश और पार्टी में बगावत के बीच मुश्किल में फंसते दिख रहे हैं ओम प्रकाश राजभर
दिल्लीः उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 में खेला करने की चाहत से अखिलेश यादव संग हाथ मिलने वाले वाले ओम प्रकाश राजभर का अब खुद सियासी खेल बिगड़ता दिख रहा है. समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव के रुख का इंतजार कर रहे ओपी राजभर ने अब तक फैसला नहीं लिया है कि आखिर राष्ट्रपति चुनाव में उनके 6 विधायक किसे वोट करेंगे. वजह है कि राजभर खुद अखिलेश से मिल इस पर आमने-सामने बातचीत करना चाहते हैं. एक ओर न तो उनकी अखिलेश यादव से बन रही है और न ही पार्टी में बगावत थम रही है. ऐसे में यूपी चुनाव से ठीक पहले भाजपा से रिश्ता तोड़कर सपा के साथ आने वाले ओम प्रकाश राजभर खुद सियासी भंवर में फंसते नजर आ रहे हैं.
दरअसल, अखिलेश यादव और सुभासपा प्रमुख ओम प्रकाश राजभर के बीच जितनी मिठास विधानसभा चुनाव से पहले थी, अब दोनों के बीच उतनी ही खटास दिखाई देने लगी है. नौबत तो यहां तक आ गई है कि ओम प्रकाश राजभर खुलकर अखिलेश के खिलाफ बयानबाजी करने लगे हैं. बीते कुछ समय से जिस तरह के सियासी घटनाक्रम देखने को मिल रहे हैं, ऐसे में यह कहा जा सकता है कि अब दोनों के बीच गठबंधन भी केवल कहने भर का रह गया है. एक ओर जहां सपा से गठबंधन में दरार पड़ती दिख रही है, वहीं सुभासपा में बगावत की आंच और तेज होने लगी है.
ओम प्रकाश राजभर मौजूदा वक्त में सियासी चक्रव्यूह में फंसते दिखाई दे रहे हैं. अखिलेश यादव से जगजाहिर तल्खी के बीच उनकी अपनी पार्टी में ही बिगावत का बिगुल बज चुका है. सुभाषपा के उपाध्यक्ष शशि प्रताप सिंह ने ओम प्रकाश राजभर पर गंभीर आरोप लगाते हुए उनका साथ छोड़ दिया है. शशि प्रताप सिंह का साथ छोड़ना ओपी राजभर के लिए किसी बड़े झटके से कम नहीं है. शशि प्रताप सिंह चुपचाप पार्टी से चले जाते तो एक बात होती. मगर उन्होंने ओपी राजभर के खिलाफ कई गंभीर आरोप लगाकर और खुद की राजनीतिक संगठन राष्ट्रीय समता पार्टी की घोषणा कर राजभर के लिए मुश्किल पैदा कर दी है