अंतरजातीय विवाह से नाराज माता-पिता, बेटी को बनाया बंधक
दिल्लीः उच्च न्यायालय के हस्तक्षेप के बाद माता-पिता के घर में कथित तौर पर बंधक महिला अपनी सात साल की बेटी को लेकर अब पति के पास पहुंच गई है। दिल्ली पुलिस ने शुक्रवार को महिला और उसकी बेटी को उच्च न्यायालय में पेश किया। बाद में न्यायालय ने महिला की इच्छानुसार उसे पति के साथ रहने के लिए भेज दिया। आरोप है कि विधवा महिला के अंतरजातीय शादी करने की वजह से उसके माता-पिता ने उसे बंधक बना लिया था।
जस्टिस जमसीत सिंह ने बुधवार को दिल्ली पुलिस को कथित तौर पर नोएडा के शाहपुर गांव में बंधक बनाकर रखी गई महिला और उसकी सात साल की बेटी को पेश करने का आदेश दिया था। न्यायालय ने महिला के पति की ओर से दाखिल याचिका पर यह आदेश दिया है। पति ने अपनी पत्नी और उसकी बेटी को अवैध बंधन से मुक्त कराने की मांग की थी। न्यायालय ने महिला को पति के साथ भेजने का आदेश दिया।
न्यायालय ने उसके माता माता-पिता और ससुराल पक्ष के लोगों को हिदायत दी कि वे उसे परेशान न करें। इसके साथ ही न्यायालय ने मामले के जांच अधिकारी को शनिवार को महिला के साथ नोएडा स्थित उसके माता-पिता के घर जाकर उसका सामान लाने में मदद करने का निर्देश दिया। साथ ही, उसके माता-पिता को आदेश दिया कि वे किसी तरह की बाधा न डालें।
यह है मामला
महिला के पति ने याचिका दाखिल की थी। याचिकाकर्ता की तरफ से अधिवक्ता अनुराग प्रताप ने न्यायालय को बताया था कि उनके मुवक्किल ने जनवरी में एक विधवा से शादी की थी, जिसकी पहले से एक बेटी है। उन्होंने कहा था कि महिला के परिवार के सदस्य और ससुरालवाले अंतरजातीय विवाह के खिलाफ हैं और उन्हें धमकी दे रहे हैं। साथ ही आरोप लगाया था कि महिला के परिजनों ने मां-बेटी को जनवरी से बंधक बना रखा है।