श्री लंका के पूर्व PM महिंदा राजपक्षे ने नेवल बेस में ली शरण
दिल्ली: श्रीलंका में आर्थिक संकट से उपजा असंतोष अब गृह युद्ध की वजह बन सकता है। सोमवार को प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे विपक्ष के दबाव में इस्तीफा दे चुके हैं। उनके इस्तीफे से नाखुश समर्थकों ने राजधानी कोलंबो में हिंसक घटनाओं को अंजाम दिया। इसके बाद उनके विरोधी भी उग्र हो गए। जब राजपक्षे के समर्थकों ने कोलंबो छोड़कर जाने की कोशिशें कीं। उनकी गाड़ियों को जगह-जगह निशाना बनाया गया।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पूर्व PM महिंदा राजपक्षे और उनके परिवार ने पूर्वी श्रीलंका के त्रिनकोमाली नेवल बेस में शरण ली है। उन्हें एक हेलिकॉप्टर के जरिए बेस तक ले जाया गया। वहीं, इस बात की जानकारी मिलने पर बेस के बाहर प्रदर्शनकारियों की भीड़ जमा हो गई है। इस हिंसा में अब तक 8 लोगों की मौत हुई है, जबकि 200 से अधिक लोग घायल हैं।
श्रीलंका में जारी संकट के बीच भारत ने मंगलवार को मदद करने की बात कही है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा- श्रीलंका में स्थिरता और आर्थिक सुधार के लिए भारत पूरी मदद करेगा। बता दें कि श्रीलंका के लिए भारत इस साल 3.5 बिलियन डॉलर (करीब 27 हजार करोड़ रुपए) की मदद भेज चुका है। विपक्षी नेताओं ने मंगलवार को महिंदा को गिरफ्तार करने की मांग की है। इनका कहना है कि महिंदा ने शांतिपूर्वक प्रदर्शन कर रहे लोगों को उकसाया और हिंसा भड़काई। प्रदर्शनकारियों ने सोमवार को हंबनटोटा में महिंदा राजपक्षे के पुश्तैनी घर को आग के हवाले कर दिया। वहीं, राजधानी कोलंबो में पूर्व मंत्री जॉनसन फर्नांडो को कार सहित झील में फेंक दिया गया। अब तक 12 से ज्यादा मंत्रियों के घर जलाए जा चुके हैं।