पूर्व PM मनमोहन सिंह की चुनावी एंट्री
दिल्लीः पूर्व प्रधानमंत्री और कांग्रेस नेता मनमोहन सिंह ने गुरुवार को भाजपा पर निशाना साधा। उन्होंने आरोप लगाया कि कोरोना के दौरान केंद्र सरकार की खराब नीतियों के कारण लोग आर्थिकता, बेरोजगारी और बढ़ती महंगाई से परेशान हैं। मनमोहन सिंह ने कहा, “7.5 साल सरकार चलाने के बाद सरकार अपनी गलती मानने और सुधार करने की बजाए पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू को जिम्मेदार ठहराने पर लगी है।”
पूर्व प्रधानमंत्री सिंह ने कहा, “इस सरकार का नकली राष्ट्रवाद जितना खोखला है, उतना ही खतरनाक है। इनका राष्ट्रवाद अंग्रेजों की बांटों और राज करो की नीति पर टिका है। संवैधानिक संस्थाओं को लगातार कमजोर किया जा रहा है। ये सरकार विदेश नीति के मोर्चे पर भी पूरी तरह फेल साबित हुई है।”
‘मैंने अपने काम के जरिए बात की’
मनमोहन सिंह ने कहा, “मुझे लगता है कि पीएम का पद एक विशेष महत्व रखता है। पीएम को इतिहास को दोष देने के बजाय गरिमा बनाए रखना चाहिए। जब मैं 10 साल तक प्रधानमंत्री था, तो मैंने अपने काम के जरिए बात की। मैंने कभी भी देश को दुनिया के सामने प्रतिष्ठा खोने नहीं दिया। मैंने कभी भी भारत के गौरव को कम नहीं किया। मुझे कम से कम इस बात का संतोष है कि मुझ पर कमजोर, शांत और भ्रष्ट होने के झूठे आरोपों के बाद, भाजपा और उसकी बी और सी-टीम देश के सामने बेनकाब हो रही है।”
दो बार के प्रधानमंत्री ने सरकार पर वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीनी घुसपैठ को छिपाने की कोशिश करने का भी आरोप लगाया। डॉ सिंह ने कहा “उन्हें (भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार) आर्थिक नीति की कोई समझ नहीं है। यह मुद्दा देश तक सीमित नहीं है। यह सरकार विदेश नीति में भी विफल रही है। चीन हमारी सीमा पर बैठा है और इसे (घुसपैठ) दबाने के प्रयास किए जा रहे हैं।”
सिंह ने कहा कि मैं उम्मीद करता हूं कि पीएम समझ गए होंगे कि नेताओं को जबरन गले लगाने, झूले पर झूलने या बिरयानी खिलाने से विदेश नीति नहीं चल सकती। उन्होंने भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार पर “फर्जी राष्ट्रवादी और विभाजनकारी नीतियों” का आरोप लगाया और कहा कि इसकी विदेश नीति विफल रही है। उन्होंने कहा, “हमने राजनीतिक लाभ के लिए देश को कभी विभाजित नहीं किया। हमने कभी सच छिपाने की कोशिश नहीं की। हमने कभी देश के सम्मान या पीएम की स्थिति को कम नहीं किया। आज लोगों को विभाजित किया जा रहा है। इस सरकार का नकली राष्ट्रवाद खोखला और खतरनाक है। उनका राष्ट्रवाद अंग्रेजों की फूट डालो और राज करो की नीति पर आधारित है। संवैधानिक संस्थाओं को कमजोर किया जा रहा है।”
पंजाब चुनाव से पहले कांग्रेस नेता ने कहा, “कुछ दिन पहले प्रधानमंत्री की सुरक्षा के नाम पर मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी और राज्य की जनता को बदनाम करने की कोशिश की गई थी। किसान आंदोलन के दौरान भी पंजाब और पंजाबियत को बदनाम करने की कोशिश की गई थी। पंजाबियों की बहादुरी, देशभक्ति और बलिदान को दुनिया सलाम करती है, लेकिन एनडीए सरकार ने इस बारे में कोई बात नहीं की। पंजाब के एक सच्चे भारतीय होने के नाते इन सब चीजों ने मुझे बहुत आहत किया।”