रिहायशी इमारत को होटल बनाने के मामले में हाईकोर्ट ने सोनू सूद की याचिका खारिज की
नई दिल्ली: बॉम्बे हाईकोर्ट ने गुरुवार को एक्टर सोनू सूद की वह याचिका खारिज कर दी, जिसमें उन्होंने बृहन्मुंबई महानगर पालिका (BMC) का नोटिस खारिज करने की मांग की थी। BMC का आरोप है कि सोनू ने एक रिहायशी इमारत में दो बार अवैध निर्माण करके उसे होटल के रूप में बदला। पिछले महीने सोनू की याचिका सिटी सिविल कोर्ट ने खारिज की थी। जस्टिस पृथ्वीराज चह्वाण की सिंगल बेंच ने सोनू की अर्जी को महाराष्ट्र क्षेत्रीय टाउन प्लानिंग एक्ट की धारा 53 के तहत गलत पाया। इस केस की सुनवाई BMC ने सोनू को आदतन अपराधी भी कहा था। नोटिस पिछले साल अक्टूबर में भेजा गया था। BMC ने सोनू के खिलाफ जुहू पुलिस स्टेशन में शिकायत भी दर्ज कराई है।
हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान सोनू के वकील अमोघ सिंह ने दावा किया कि शक्ति सागर इमारत में ऐसा कोई बदलाव नहीं किया गया, जिसमें BMC से अनुमति लेना जरूरी हो। सिर्फ वही बदलाव किए गए हैं जिनकी महाराष्ट्र क्षेत्रीय और नगर नियोजन (MRTP) अधिनियम के तहत अनुमति जरूरी है।
हाईकोर्ट में दायर अपने हलफनामे में BMC ने कहा कि सूद एक ‘आदतन अपराधी’ हैं, जो गैरकानूनी काम करके लाभ कमाना चाहते हैं, इसलिए उन्होंने इमारत का अवैध हिस्सा ढहाने के बाद दोबारा निर्माण किया। इसके लिए लाइसेंस विभाग की अनुमति नहीं ली गई। वे इस इमारत को होटल के रूप में बदलकर इसका व्यावसायिक लाभ लेना चाहते हैं।