चीन के साथ सीमा विवाद के बीच अचानक लेह के दौरे पर पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, घायल जवानों से मिले
वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीन के साथ सीमा विवाद के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अचानक लेह के दौरे पर पहुंचे हैं। प्रधानमंत्री के साथ चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत और सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवाने भी मौजूद हैं। पीएम मोदी ने इस दौरान सैनिकों से मुलाकात की और सेना की तैयारियों का जायजा भी लिया। इसके साथ ही उन्होंने गलवन घाटी में चीनी सैनिकों को खदेड़ने वाले बहादुर सैनिकों से भी मुलाकात की।
वहीं, पीएम मोदी के लद्दाख दौर पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ट्वीट कर कहा, ‘भारतीय सेना के रहते देश की सीमाएं हमेशा सुरक्षित रही हैं। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी का आज लद्दाख जाकर सेना के जवानों से भेंट करके उनका उत्साहवर्धन करने से सेना का मनोबल और ऊंचा हुआ है। मैं प्रधानमंत्री जी के इस कदम की सराहना करते हुए उन्हें धन्यवाद देता हूं।
पीएम मोदी सुबह-सुबह नीमू की फॉरवर्ड पोस्ट पर पहुंचे। वहां पर उन्होंने सेना, वायुसेना और आईटीबीपी के अफसरों के साथ बातचीत की। सिन्धु नदी के तट पर 11,000 फीट की ऊंचाई पर स्थित यह बेहद कठिन इलाकों में से एक है।
#WATCH Prime Minister Narendra Modi briefed by senior officials in Nimmoo, Ladakh pic.twitter.com/uTWaaCwUVL
— ANI (@ANI) July 3, 2020
दरअसल, इससे पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह आज लद्दाख के दौरे पर जाने वाले थे, लेकिन बाद में उनका दौरा टल गया। जिसके बाद सीडीएस रावत अकेले लेह के दौरे पर आने वाले थे, लेकिन पीएम मोदी ने अचानक लेह पहुंचकर सबको चौंका दिया है।
15 जून को दोनों सेनाओं के बीच हुए हिंसक झड़प के बाद भी वार्ता का दौरा जारी है। भारत व चीन के बीच जारी सैन्य तनाव को खत्म करने के लिए अभी तक तीन बार सैन्य स्तर पर और तीन बार कूटनीतिक स्तर की बातचीत हो चुकी है। हालांकि इसका कोई नतीजा नहीं निकल सका, लेकिन भारत ने साफ संदेश दे दिया है कि गतिरोध कम करने के लिए चीन को एलएसी से अपने सैनिक पीछे हटाना ही पड़ेगा।
सीमा पर हथियारों की तैनाती में इजाफा
दोनो तरफ से भारी संख्या में सैनिकों की तैनाती की जा रही है। भारतीय सेनाओं ने भी चौतरफा अग्रिम मोर्चे पर टैंकों के साथ हथियारों की तैनाती में इजाफा कर दिया है। चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी ने पूर्वी लद्दाख सेक्टर के पास एलएसी पर अपने 20,000 से अधिक सैनिकों को तैनात किया है। इसको देखते हुए भारत ने भी अपनी दो डिवीजनों को तैनात कर दिया है।
सात हफ्तों से तनाव जारी
बता दें कि इस क्षेत्र में वास्तविक सीमा रेखा पर भारत व चीन के बीच करीब सात हफ्तों से तनाव जारी है। दोनों देशों के बीच स्थिति 15 जून को इतनी बिगड़ गई थी कि गलवन घाटी में दोनों देशों के सैनिकों के बीच हिंसक झड़प हो गई थी, जिसमें 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे। इस दौरान चीन के भी 40 से अधिक सौनिक मारे गए थे। सेना प्रमुख नरवाने इससे पहले 23 व 24 जून को लद्दाख का दौरा कर चुके हैं। तब उन्होंने सेना के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ कई बैठकें की थीं और पूर्वी लद्दाख के अग्रिम क्षेत्रों का दौरा भी किया था।
#WATCH: Prime Minister Narendra Modi among soldiers after addressing them in Nimmoo, Ladakh. pic.twitter.com/0rC7QraWTU
— ANI (@ANI) July 3, 2020