PPF, NSC और र सुकन्या समृद्धि योजना जैसी योजनाओं पर ब्याज दर में कमी कर सकती है केंद्र सरकार
केंद्र सरकार पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF), नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट (NSC) और सुकन्या समृद्धि योजना जैसी छोटी बचत योजनाओं पर ब्याज दर में कमी कर सकती है। वहीं इससे आम लोगों को तगड़ा झटका लग सकता है। वहीं वर्तमान तिमाही के दौरान बैंकों द्वारा FD जैसी जमा राशि पर ब्याज दर में कमी के बावजूद सरकार ने इन छोटी बचत योजनाओं पर ब्याज दर में कमी नहीं की है। बैंकों की लंबे समय से यह शिकायत रही है कि स्मॉल सेविंग स्कीम पर सरकार की ओर से ज्यादा ब्याज देने के कारण वे अन्य जमा योजनाओं पर ब्याज दर में कटौती नहीं कर पा रहे हैं।
इस समय एक वर्ष की मेच्योरिटी वाली बैंक की डिपोजिट योजनाओं और स्मॉल सेविंग स्कीम पर मिलने वाले ब्याज में लगभग एक फीसद का अंतर है। इसके साथ ही स्मॉल सेविंग स्कीम पर ब्याज दर में संशोधन तिमाही आधार पर होता है। इसके साथ ही इस सप्ताह की शुरुआत में आरबीआइ गवर्नर शक्तिकांत दास कह चुके हैं कि मौद्रिक नीति समिति (MPC) कोरोनावायरस से उपजे संकट को दूर करने के लिए ब्याज दर में कटौती सहित सभी विकल्पों पर विचार कर सकती है । वहीं केंद्रीय बैंक ने फरवरी की अपनी द्विमासिक बैठक में कहा था कि स्मॉल सेविंग स्कीम्स पर ब्याज दरों को समायोजित किए जाने की जरूरत है। RBI ने कहा था कि एक अक्टूबर को लागू किए गए बेंचमार्क सिस्टम से मौद्रिक नीति का लाभ ज्यादा लोगों तक पहुंचाने में मदद मिली है।
आपकी जानकारी के लिए बता दें की वित्त मंत्रालय रेपो रेट में कटौती का पूरा लाभ पब्लिक सेक्टर बैंकों को देने के लिए कहता रहा है। वहीं उसका कहना है कि इससे खपत बढ़ाने में मदद मिलेगी। हालांकि, बैंकों का कहना है कि उन्हें डर है कि पूरा लाभ देने से उनके मार्जिन पर असर पड़ेगा। इसके साथ ही 31 दिसंबर, 2019 को सरकार ने PPF और NSC के लिए ब्याज दर को 7.9% पर अपरिवर्तित रखा था। वहीं, 113 माह में मेच्योर होने वाले किसान विकास पत्र पर ब्याज की दर 7.6 फीसद पर रखने का फैसला सरकार ने किया था। वहीं पांच साल की मेच्योरिटी वाले सीनियर सिटिजन सेविंग स्कीम पर ब्याज की दर को 8.6 फीसद पर बनाए रखाया गया था। फिलहाल सरकार ने कहा है कि चालू वित्त वर्ष की आखिरी तिमाही में Sukanya Samriddhi Yojana में निवेश पर 8.4 फीसद की दर से ब्याज मिलेगा।