भीमा कोरेगांव में युद्ध की 202वीं बरसी पर लाखों लोग हुए जमा

सावधानी को इंटरनेट बंद

पुणे. भीमा कोरेगांव में अंग्रेजों और मराठाओं के युद्ध की 202वीं बरसी पर 5 लाख दलित इकट्ठा हुए। युद्ध में हिस्सा लेने वाले दलित समुदाय के महार सैनिकों को श्रद्धांजलि देने के लिए बुधवार को महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम अजित पवार और वंचित बहुजन अघाड़ी के प्रमुख प्रकाश अंबेडकर जय स्तंभ पहुंचे।

प्रशासन ने ऐहतियातन यहां इंटरनेट सेवा बंद कर दी है, 10 हजार सैनिक तैनात किए गए हैं। यहां ड्रोन से निगरानी की गई। 1 जनवरी 2018 को इसी कार्यक्रम के दौरान हिंसा हो गई थी। इसमें एक युवक की जान चली गई थी। इस बार पुलिस ने 2018 में हुई हिंसा के आरोपी मिलिंद एकबोटे और संभाजी भिडे समेत 163 लोगों को नोटिस जारी किया ताकि उन्हें भीमा कोरेगांव आने से रोका जा सके

। संवाददाताओं से बात करते हुए प्रकाश अंबेडकर ने कहा कि कुछ लोग कार्यक्रम के दौरान दंगा भड़काने की योजना बना रहे थे। इसके बारे में पुलिस को सूचित कर दिया गया है। सरकार ने इस बार अतिरिक्त सतर्कता बरती है। प्रशासन ने 500 सीसीटीवी और 15 ड्रोन कैमरे लगाए हैं ताकि पूरे कार्यक्रम पर नजर रखी जा सके। पुणे जिला प्रशासन ने विजिटर्स के लिए 250 बसों की व्यवस्था की है। हमने आसपास के गांवों में सुरक्षा बढ़ा दी है

। विजिटर्स के लिए पानी, शौचालय, चिकित्सा सहायता और अन्य सभी सुविधाएं की व्यवस्था की गई है। ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी और मराठा के पेशवा गुट के बीच 1 जनवरी 1818 को युद्ध हुआ था। ईस्ट इंडिया कंपनी की सेना को उस समय के अछूत माने जाने वाले महार समुदाय के सैनिकों का समर्थन मिला था। उन्होंने अंग्रेजों की तरफ से लड़ाई लड़ी। युद्ध में मराठाओं की हार हुई थी।

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