ठंड में वर्कआउट बन सकता है हार्ट अटैक की वजह?

सर्दी के दिनों में मुख्य अंगों तक रक्त पहुंचाने के लिए नसों में सिकुड़न होने लगती है। कंपकंपी के दौरान ऊष्मा पैदा करने के लिए मांसपेशियां सिकुड़ती हैं। यही कारण है कि ठंड के दिनों में व्यायाम मुश्किल हो जाता है। अचानक व्यायाम या कसरत करने से चोटिल होने या खिंचाव की आशंका बढ़ जाती है। इस मौसम में कार्डियोवैस्कुलर सिस्टम पर भी दबाव पड़ता है। विशेषज्ञ कहते हैं कि सही ढंग से बचाव कर आप इन खतरों को टाल सकते हैं।

ठंड में मांसपेशियां कैसे होती हैं प्रभावित
जब आप अत्यधिक ठंड के प्रभाव में आते हैं तो शरीर हाथों और पैरों से रक्त को शरीर के अंदरूनी हिस्सों की तरफ भेजता है ताकि जरूरी अंग गर्म रह सकें। इससे मांसपेशियों और जोड़ों में अकड़न आ जाती है। ऊतकों के अकड़ने से खिंचाव आने या फटने का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे में जब आप गड्ढे के ऊपर कूदते हैं, तो हैमस्ट्रिंग का झटका लगता है।

ठंड का कार्डियोवैस्कुलर सिस्टम पर असर
हाथों-पैरों की नसों में सिकुड़न आने से रक्तचाप बढ़ जाता है। इससे पूरे शरीर में रक्तसंचार सुचारु रखने के लिए हार्ट पर जोर पड़ता है। अगर हार्ट या वैस्कुलर की समस्याएं पहले हो चुकी हैं, तो ठंड के दिनों में डाक्टर के परामर्श पर ही वर्कआउट रूटीन तय करना चाहिए, क्योंकि ठंड के चलते हार्टअटैक और स्ट्रोक का जोखिम अधिक रहता है।

कैसे सहज और सुरक्षित रहें
गर्म कपड़े पहनें: सही ढंग से कपड़े पहनने से मांसपेशियां लचीली बनी रहती हैं। पसीना सोखने वाली बेस परत पसीने से लगने वाली ठंड से बचाती है। काटन कपड़ों से बचना चाहिए, क्योंकि वह नमी को सोखता है। इसी तरह कपड़े की ऊपरी परत शरीर की गर्मी को बचा कर रखती है। टोपी पहनें, ताकि सिर से गर्मी न निकले, पैरों को गर्म रखें, क्योंकि इससे संतुलन बिगड़ने का डर रहता है।

पर्याप्त पानी पिएं: आमतौर पर सर्दी के दिनों में कम प्यास लगती है, फिर भी पसीना आता है। इससे डिहाइड्रेट होने की आशंका बढ़ जाती है। ठंड के चलते यूरिन की आवृत्ति भी बढ़ सकती है। जब आप डिहाइड्रेट होते हैं, तो शरीर में रक्त की मात्रा कम हो जाती है, जिससे मांसपेशियों में रक्त संचार प्रभावित होता है। इससे हृदय पर जोर पड़ता है। सर्दी में वर्कआउट से पहले, उसके दौरान और बाद में भी द्रव लेते रहना चाहिए। सर्दी में प्यास नहीं लगती है, तो भी पर्याप्त पानी जरूर पीना चाहिए।

वार्म अप करें: ठंड में डायनेमिक वार्मअप से हाथों-पैरों में रक्तसंचार बेहतर होता है। बाहर निकलने से पहले घर के अंदर कुछ देर के लिए टहलना चाहिए। हाथों को घुमाने, स्विंग्स और हाइ स्टेप करने से रक्तसंचार में सुधार होता है। बाहर वाकिंग, जागिंग, जंपिंग जैसे व्यायाम आपको गर्म रखेंगे। वर्कआउट की शुरुआत धीमी गति से करें और धीरे-धीरे तीव्रता बढ़ाएं। व्यायाम पूरे शरीर का तापमान बढ़ाता है। इससे कुछ मिनटों में आपके हाथों और पैरों में रक्तसंचार बेहतर हो जाता है।

अपना लक्ष्य जानें: जब आपकी सक्रियता कम हो जाती है, तो आप संभावित परेशानियों से निपटने के लिए तैयार नहीं होते। जोखिम को कम करने के लिए वही रास्ता चुनें, जिससे आप परिचित हों। अंतत: अपने शरीर की सुनें। अगर वर्कआउट के दौरान परेशानी महसूस करते हैं तो बेहतर होगा कि डाक्टर से जरूर परामर्श करें।

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