अलार्म क्लॉक की तेज आवाज से उठना हो सकता है घातक

आजकल ज्यादातर लोगों की नींद अलार्म क्लॉक की तेज आवाज से खुलती है। सुबह वक्त पर जागने का यह बड़ा ही कॉमन तरीका है, जिसे लगभग हर कोई फॉलो करता है। लेकिन क्या आपको पता है यूं अचानक तेज आवाज से जागना आपकी सेहत को नुकसान पहुंचा सकता है?

जी हां, अलार्म क्लॉक की तेज आवाज आपको नींद से झंझोर कर जगाती है, लेकिन ऐसे अचानक झटके से जागना दिल की धड़कने बढ़ा देता है और सेहत के लिए घातक साबित हो सकता है। आइए जानें कैसे अलार्म क्लॉक आपकी सेहत को नुकसान पहुंचा सकता है।

स्ट्रेस रिसपॉन्स
जब हम गहरी नींद में होते हैं और अचानक तेज अलार्म सुनाई देता है, तो हमारा शरीर “फाइट ऑर फ्लाइट” मोड में चला जाता है। इससे स्ट्रेस हार्मोन कोर्टिसोल और एड्रेनालाईन का स्तर तेजी से बढ़ जाता है। हार्ट बीट अचानक तेज हो जाती है, ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है और शरीर में ब्लड फ्लो में बदलाव आ जाता है। लगातार ऐसा होने से हाई ब्लड प्रेशर, दिल की बीमारियां और मेटाबॉलिज्म से जुड़ी समस्याओं का खतरा बढ़ सकता है।

मानसिक स्वास्थ्य पर असर
तेज अलार्म से जागने का असर पूरे दिन की मानसिक स्थिति पर पड़ सकता है। इस तरह जागने वाले लोग अक्सर दिन की शुरुआत चिड़चिड़े मूड से करते हैं। फोकस करने की क्षमता प्रभावित होती है और प्रोडक्टिविटी घट सकती है। लंबे समय में, यह एंग्जायटी और डिप्रेशन के लक्षणों को बढ़ावा दे सकता है।

स्लीप साइकिल में रुकावट
हमारी नींद 90-मिनट के साइकिल में चलती है, जिसमें हल्की नींद, गहरी नींद और REM साइकिल शामिल होती है। गहरी नींद या REM साइकिल के दौरान अचानक जागना नींद में खलल डाल देता है। इससे दिनभर थकान, सुस्ती और ऊर्जा की कमी महसूस हो सकती है।

बेहतर ऑप्शन क्या है?
सुबह उठने के लिए तेज आवाज वाले अलार्म का इस्तेमाल न करें। इसकी जगह माइल्ड साउंड या धीरे से तेज होने वाले अलार्म का इस्तेमाल करें। इससे आपकी बॉडी को अचानक से झटका नहीं लगेगा।
रोज कम से कम 7-8 घंटे की नींद लें, ताकि सुबह फ्रेश महसूस हो।
अपने सोने और जागने का समय फिक्स करें। इससे आपकी बॉडी क्लॉक सेट हो जाएगी और रोज खुद ही उस समय आपकी आंख खुल जाएगी।

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