विनायक चतुर्थी पर बन रहे ये शुभ-अशुभ योग

आज यानी 24 नवंबर को मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की शुक्ल चतुर्थी तिथि है। इस तिथि पर हर महीने विनायक चतुर्थी मनाई जाती है। इस खास अवसर पर भगवान गणेश की पूजा-अर्चना करने का विधान है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, विनायक चतुर्थी के दिन सच्चे मन से गणपति बप्पा की पूजा करने से सभी बाधाएं दूर होती हैं। साथ ही जीवन में सुख-शनि बनी रहती है। ऐसे में आइए जानते हैं आज का पंचांग के बारे में।
तिथि: शुक्ल चतुर्थी
मास पूर्णिमांत: मार्गशीर्ष
दिन: सोमवार
संवत्: 2082
तिथि: शुक्ल चतुर्थी – रात 09 बजकर 22 मिनट तक
योग: शूल – दोपहर 12 बजकर 37 मिनट तक
करण: वणिज – प्रातः 08 बजकर 25 मिनट तक
करण: विष्टि – रात 09 बजकर 22 मिनट तक
सूर्योदय और सूर्यास्त का समय
सूर्योदय: प्रातः 06 बजकर 51 मिनट पर
सूर्यास्त: सायं 05 बजकर 25 मिनट पर
चंद्रोदय: प्रातः 10 बजकर 19 मिनट पर
चंद्रास्त: रात 08 बजकर 34 मिनट पर
सूर्य राशि: वृश्चिक
चन्द्रमा की राशि: धनु
आज के शुभ मुहूर्त
अभिजीत मुहूर्त: प्रातः 11 बजकर 47 मिनट से दोपहर 12 बजकर 29 मिनट तक
अमृत काल: सायं 04 बजकर 36 मिनट से सायं 06 बजकर 22 बजे तक
आज के अशुभ समय
राहुकाल: प्रातः 08 बजकर 10 मिनट से प्रातः 09 बजकर 29 मिनट तक
गुलिकाल: दोपहर 01 बजकर 27 मिनट से दोपहर 02 बजकर 46 मिनट तक
यमगण्ड: प्रातः 10 बजकर 49 मिनट से दोपहर 12 बजकर 08 मिनट तक
आज का नक्षत्र
आज चंद्रदेव पूर्वाषाढ़ नक्षत्र में रहेंगे।
पूर्वाषाढ़ नक्षत्र: रात 09 बजकर 53 मिनट तक।
सामान्य विशेषताएं: लोकप्रिय, धार्मिक, आध्यात्मिक, साहसी, हंसमुख, बुद्धिमान, सलाहकार, दयालु, उदार, वफादार मित्र, खतरनाक शत्रु, लंबा कद, यात्रा प्रिय और विलासिता
नक्षत्र स्वामी: शुक्र देव
राशि स्वामी: बृहस्पति देव
देवता: अपस (ब्रह्मांडीय महासागर)
प्रतीक: हाथी का दांत और पंखा





